Beginning of Sharadiya Navratri: कल से हो रही है शारदीय नवरात्रि की शुरूआत, इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा

शारदीय नवरात्रि कल यानी 3 अक्टूबर बृहस्पतिवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इसी दिन से मां का आगमन होता है और देवी पक्ष की शुरुआत होती है।

Beginning of Sharadiya Navratri: कल से हो रही है शारदीय नवरात्रि की शुरूआत, इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा

Beginning of Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) कल यानी 3 अक्टूबर बृहस्पतिवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इसी दिन से मां का आगमन होता है और देवी पक्ष की शुरुआत होती है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के शैलपुत्री रूप की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि, मंत्र और किस चीज से लगाना चाहिए माता को भोग।

मां शैलपुत्री का वस्त्र

अगर हम मां शैलपुत्री (Mother Shailputri) के वस्त्रों के बारें में बात करें, तो वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित होता है। मां के माथे पर चंद्रमा की आभा है। इसके अलावा मां की सवारी नंदी है।

मां शैलपुत्रि का रूप

मां शैलपुत्री का स्वरूप कुछ इस प्रकार है। उनका रंग श्वेत है, माता सफेद वस्त्र धारण करती हैं। उनकी सवारी वृषभ, यानी बैल है। मां शैलपुत्री दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल धारण करती हैं। उनका ये रूप सौम्यता, करुणा, स्नेह और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें। पूजा के पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित कर लें और शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर लें। उसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता का चित्र स्थापित करें। सबसे पहले भगवान गणपति का आह्वान करें और उसके बाद हाथों में लाल रंग का फुल लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें। मां की पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए। मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, फुल चढ़ाएं। माता के मंत्रों का जप करें, घी का दीपक जलाएं और मां की आरती करें। शंखनाद के साथ घंटी बजाएं और मां को प्रसाद अर्पित करें।

मां शैलपुत्री का मंत्र 
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।

मां को लगाएं ये भोग   

मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजें बहुत प्रिय हैं। गाय के घी से बने बादाम के हलवे से मां शैलपुत्री को भोग लगा सकते हैं। साथ ही, इस खास मौके पर आप माता को घर पर बनी दूध की बर्फी का भोग भी लगा सकते हैं।