Constitution Day: 26 नवंबर को संविधान दिवस के 75 साल हो रहे पूरे, संसद का जॉइंट सेशन बुलाने की तैयारी
‘संविधान’ बदलने और बचाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हैं। इस बीच, मोदी सरकार 26 नवंबर को संसद का विशेष संयुक्त अधिवेशन बुलाने की तैयारी कर रही है।
Constitution Day: ‘संविधान’ बदलने और बचाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हैं। इस बीच, मोदी सरकार (Modi government) 26 नवंबर को संसद का विशेष संयुक्त अधिवेशन (special joint session of parliament) बुलाने की तैयारी कर रही है। यह विशेष सत्र संविधान पारित होने के 75 साल पूरे होने पर समर्पित होगा, जो नई संसद में किया जाएगा।
एक हफ्ते पहले बुलाया जाएगा शीतकालीन सत्र
रिपोर्ट के मुताबिक, संसद का शीतकालीन सत्र अमूमन दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होता है, लेकिन ‘संविधान दिवस के 75 वर्ष’ के मौके पर इसे एक सप्ताह पहले बुला सकते हैं। इससे पहले 70वें संविधान दिवस पर शीतकालीन सत्र का पहला दिन भी इस आयोजन को समर्पित किया गया था।
नवंबर के पहले हफ्ते में तारीखों पर होगा फैसला
जानकारी के मुताबिक, संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर संयुक्त सत्र बुलाने और शीतकालीन सत्र (winter session) की तारीखों को लेकर राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी नवंबर के पहले हफ्ते में निर्णय लेगी। संयुक्त बैठक के आयोजन का पूरी रूपरेखा कैबिनेट समिति तय करेगी। यह विशेष आयोजन होगा या संयुक्त अधिवेशन में सभी दलों की चर्चा के लिए खुला होगा, इसका फार्मेट अभी साफ नहीं है।
2 राज्यों के चुनाव पर निर्भर होंगी शीतकालीन सत्र की तारीखें
साल के अंत में 2 राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Maharashtra and Jharkhand) होने है। अभी इसकी तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है। वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखें तय होना महाराष्ट्र और झारखंड (Maharashtra and Jharkhand) के चुनावों के कार्यक्रम पर भी निर्भर है। भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) इन दोनों राज्यों में चुनावी तैयारी की समीक्षा कर चुका है। चुनाव आयोग इसी महीने के अंत में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
26 नवंबर 1949 को पारित हुआ था देश का संविधान
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत का संविधान पारित किया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को देश ने लागू किया गया। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) ने 19 नवंबर 2015 को एक अधिसूचना जारी कर 26 नवंबर को हर वर्ष ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लेते हुए अधिसूचना जारी की थी। इसका उद्देश्य इस दिन को नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ाने के तौर पर मनाना है।
26 नवंबर 1949 को क्यों लागू नहीं हुआ था संविधान?
दरअसल, 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस (Congress) ने देश को आजादी का नारा दिया था। इसके लिए संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 तक का इंतजार किया गया। 1929 में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के नेतृत्व में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (Lahore session of Congress) में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। उस अधिवेशन में अंग्रेज सरकार (British government) से मांग की गई थी कि 26 जनवरी 1930 तक भारत को संप्रभु दर्जा दे दिया जाए।
17 सालों तक 26 जनवरी को मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
इसके बाद, 26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस (Purna Swaraj or Independence Day) मनाया गया था। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 तक यानी अगले 17 सालों तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व के कारण ही 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया। इसके साथ ही इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।