UP News: यूपी खाद्य विभाग के अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू, धोखाधड़ी और ब्लैकमेल करने का लगा था आरोप
उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के एसिस्टेंट ड्रग कमिश्नर दिनेश कुमार तिवारी के खिलाफ सीएम योगी से शिकायत की गई है। बीजेपी कार्यकर्ता और यूपी फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जयदीप गुप्ता ने दिनेश कुमार तिवारी के खिलाफ सबूतों के साथ शिकायत की है।
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के एसिस्टेंट ड्रग कमिश्नर दिनेश कुमार तिवारी (Dinesh Kumar Tiwari, Assistant Drug Commissioner of Food Safety and Drug Administration) के खिलाफ सीएम योगी (CM Yogi) से शिकायत की गई है। बीजेपी कार्यकर्ता और यूपी फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जयदीप गुप्ता (State Vice President of Pharmacists Welfare Association, Dr. Jaideep Gupta) ने दिनेश कुमार तिवारी (Dinesh Kumar Tiwari) के खिलाफ सबूतों के साथ शिकायत की है। जयदीप गुप्ता (Jaideep Gupta) का आरोप है कि दिनेश कुमार तिवारी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार नौकरी हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। वहीं, शिकायत मिलने के बाद दिनेश कुमार तिवारी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
ब्लैकमेल कर अपने हाथों में ली पूरी जिम्मेदारी
बीजेपी कार्यकर्ता और यूपी फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जयदीप गुप्ता का कहना है कि दिनेश कुमार तिवारी 1999 तक घर पर ही रह कर कालीन बुनने का कार्य करते थे, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में किसी भी औषधि निर्माणाशाला में कोई कार्य नहीं किया है। उन्होंने श्री बैधनाथ अयुर्वेद भवन प्राइवेट लिमिटेड (Shri Baidhnath Ayurved Bhawan Private Limited) 1, मिर्जापुर रोड, नैनी इलाहाबाद नामक कंपनी का फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र बनवा कर नौकर हासिल की है। इसके अवाला जयदीप गुप्ता ने 1999 में इलाहाबाद में औषधि निरीक्षक (drug inspector) के रूप में तैनात अजय कुमार जैन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। जयदीप ने अपनी शिकायत में कहा कि अजय कुमार जैन ने दिनेश कुमार तिवारी से अवांछित लाभ लेकर उन्हें फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दिया था। जिसके आधार दिनेश कुमार तिवारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग में नौकर हासिल की थी। इसके बाद फर्जी प्रमाण पत्र बनाने को लेकर दिनेश कुमार तिवारी ने अजय कुमार जैन को ब्लैकमेल भी किया था। उन्होंने अजय कुमार को ब्लैकमेल करते हुए औषधि निंयत्रक उत्तर प्रदेश की पूरी जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली थी। इस दौरान अजय जैन केवल नाम के लिए औषधि निंयत्रक बने हुए थे।
तैनाती से संबंधित दस्तावेज विभाग से कराए गायब
जयदीप गुप्ता ने अपनी शिकायत में आगे लिखा कि दिनेश कुमार तिवारी (Dinesh Kumar Tiwari) ने अपनी तैनाती से संबंधित सभी दस्तावेज विभाग से गायब करा दिये है। उनका आरोप है कि दिनेश ने अपने सभी दस्तावेज जलाकर नष्ट करा दिए हैं। जयदीप गुप्ता ने कहा कि दिनेश कुमार तिवारी ने खुद अपने गांव में बताया है कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा क्योंकि मैंने 1999 बैच की नियुक्ति से संबंधित सभी कागजात विभाग के एक कर्मचारी के साथ मिलकर चुरा कर नष्ट कर दिये है। इसके साथ ही मैंने आयोग से पत्रावलियां गायब करवा दी है।
14 सालों से मुख्यालय में जमे हुए दिनेश तिवारी
बीजेपी कार्यकर्ता ने आगे कहा कि दिनेश कुमार तिवारी पिछले 14 सालों से लगातार मुख्यालय में जमे हुए हैं। इस बीच उनका स्थानांनतरण कानपुर और सीतापुर हुआ था, लेकिन वह अपनी जुगाड़ से हमेशा मुख्यालय लखनऊ पर ही बने रहे। कभी अपनी पोस्टिंग की जगह नहीं रहे हैं। मौजूदा वक्त में वह ड्रग लाइसेंसिंग अथारिटी का भी काम देख रहे हैं। इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने दिनेश कुमार तिवारी के खिलाफ जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिनेश कुमार तिवारी के द्वारा किये गए गंभीर अपराधों की जांच किसी एक्सपर्ट एजेंसी से कराई जानी चाहिए।
सीएम योगी ने विधायकों को दिया था निर्देश
दरअसल, बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बीजेपी नेताओं से कहा था कि यूपी में अगर कोई अफसर आपकी सुनवाई नहीं कर रहा है, तो पक्के सबूतों के साथ उसकी शिकायत करें। वहीं सीएम योगी के इस आदेश के बाद अधिकारियों के खिलाफ सबूतों के साथ शिकायतें मिलने लगी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और यूपी फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन डॉ. जयदीप गुप्ता (UP Pharmacist Welfare Association Dr. Jaideep Gupta) ने शपथ पत्र और सबूतों के साथ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के एसिस्टेंट ड्रग कमिश्नर दिनेश कुमार तिवारी के खिलाफ शिकायत की है। जिसपर जांच शुरू हो गयी है। दिनेश कुमार तिवारी (Dinesh Kumar Tiwari) के खिलाफ नियमों के विरुद्ध नौकरी पाने और सरकारी आदेशों उल्लंघन करने कि जांच शुरू हो गयी है।