Bollywood Patriotic Movies: बॉलीवुड की इन फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में भर दिया देश भक्ति का जज़्बा
देश प्रेम पर आधारित फिल्में 50 के दशक से बनती आ रही हैं। और ये सिलसिला आज भी जारी है। फर्क बस इतना है कि वक्त के साथ साथ पैट्रियोटिक फिल्मों के सिने स्क्रिन पर पेश करने का रंग बदल गया अंदाज बदल गया, लेकिन हिंदुस्तान से प्यार करने का अहसास वहीं पुराना है।
Bollywood Patriotic Movies: ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता...नोटों में लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता
जब पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा हो तो बॉलीवुड भला पीछे कैसे रह सकता है। हर दशक में देश भक्ति फिल्में बनीं और लोगों के दिलों में रच बस गई। देश प्रेम पर आधारित फिल्में 50 के दशक से बनती आ रही हैं। और ये सिलसिला आज भी जारी है। फर्क बस इतना है कि वक्त के साथ साथ पैट्रियोटिक फिल्मों के सिने स्क्रिन पर पेश करने का रंग बदल गया अंदाज बदल गया, लेकिन हिंदुस्तान से प्यार करने का अहसास वहीं पुराना है।
तो चलिए आज 26 जनवरी के मौके पर आपको उन फिल्मों के बारे में बताते हैं जिसने बॉक्स ऑफिस पर तो खूब धूम मचाई ही थी साथ ही इन फिल्मों के जरिये दर्शक देश भक्ति के डूब गए। आज भी ये फिल्मों लोगों के दिनों में देश भक्ति के रंग भर देती हैं।
50 के दशक से ही बनने लगी थीं देशभक्ति फिल्में
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 50 और 60 के दशक से ही देश भक्ति फिल्में बनने लगी थीं। जिनमें आजादी के बाद किसानों से जुड़े मुद्दों को पर्दे पर बखूबी दिखाया गया, इनमें नया दौर, उपकार और शहीद जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ भारत का संघर्ष को दिखाया गया तो वहीं आजादी के बाद हिंदुस्तान की प्रगति के लिए समाजवाद, समानता जैसे मुद्दों को सिने पर्दे पर पेश किया गया।
देशभक्ति फिल्मों ने पूंजीवाद की काली सच्चाई का किया पर्दाफाश
फिर दौर आया 70 और 80 के दशक का...इन दशकों में देश भक्ति से जुड़ी कई फिल्में बनाई गईं जैसे- पूरब और पश्चिम, क्रान्ति, अर्थ सत्य। ये सभी फिल्में मल्टीस्टारर रहीं। इन फिल्मों की कहानी का ताना बाना भारतीय संस्कृति, देश की राजनीति, करप्शन और पूजीवाद की काली सच्चाई का पर्दाफाश को लेकर बुना गया था। वहीं देश की आजादी के संघर्ष को दिखाती फिल्म क्रांति जो 1981 में रिलीज हुई थी। 43 साल बाद भी ये फिल्म लोगों को देश भक्ति के अहसास से भर देती है।
फिर दौर आया 90 के दशक का। वक्त बदला तो फिल्म बनाने वालों का मूड भी बदल गया...और साथ ही बदल गई फिल्मों कहानी, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई को सिने स्क्रिन पर बखूबी पेश किया गया।
भारत-पाकिस्तान के जंग पर बेस्ड फिल्में
90 के दशक और 2000 के शुरुआती सालों में ‘बॉर्डर’, ‘लक्ष्य’ और ‘गदर’ जैसी फिल्में बनाई गईं...ये तीनों ही फिल्में पाकिस्तान से भारत की जंग पर बेस्ड थीं, वहीं गदर इन सभी फिल्में से थोड़ी हटकर थी, क्योंकि इसमें देश के बंटवारे के संघर्ष को दिखाया गया था।
फिल्म बॉर्डर’ राजस्थान के लोंगेवाला में 1971 में हुई भारत और पाकिस्तान की लड़ाई की यादों को ताजा करती है। ये फिल्म में बताया गया कि कैसे 120 भारतीय सैनिकों के आगे 2 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने घुटने टेक दिए थे।
‘रंग दे बसंती’ ने भरा देशभक्ति का जज्बा
साल 2000 में ही सिने प्रेमियों को ‘रंग दे बसंती’ और ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ भी बड़े पर्दे पर देखने को मिली। एक तरफ जहां ‘रंग दे बसंती’ में भारतीय सैनिकों के साथ अपने ही देश में होने वाली घिनौनी हरकत को दर्शाने की कोशिश की गई, तो वहींअजय देवगन की ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ ने उस नौजवान की कहानी को दुनिया के सामने रखा, जो देश की आजादी के लिए अपने साथी राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गया था।
नए कलेवर में बन रही हैं देशभक्ति फिल्में
हिंदुस्तान के लिए किसी भी हद तक जाने वाली देश के प्रति प्यार दर्शाने वाली फिल्मों के बनने का दौर आज भी जारी है। पिछले कुछ सालों में अनसुने हीरो की कहानियों को भी बड़े पर्दे पर दिखाया गया है, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया था. ऐसी फिल्मों में ‘राजी’, ‘बेल बॉटम’, ‘उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘केसरी’, ‘शेरशाह’ जैसी फिल्में भी शामिल हैं...
तो अगर आप रिपब्लिक डे, 26 जनवरी को पैट्रियोटिक फिल्में देखना चाहते हैं तो अपनी फैमिली के साथ घर में बैठकर इन फिल्मों को इन्ज्वाय कर सकते हैं।