Shivling Puja: ऐसे करें भगवान शिव की अराधना, जल्द खुश होंगे भोलेनाथ और पूरी होगी हर मनोकामना

मान्यताओं के अनुसार जो भक्त भोले बाबा की सच्ची श्रद्धा के साथ और पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं उन्हें जीवन के हर संकटों से तुरंत छुटकारा मिल जाता है। 

Shivling Puja: ऐसे करें भगवान शिव की अराधना, जल्द खुश होंगे भोलेनाथ और पूरी होगी हर मनोकामना

Shivling Puja:  देवों के देव महादेव, भगवान शिव को हिंदू धर्म में प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है। कहते हैं कि भोले शंकर का सच्चे मन से ध्यान करने मात्र से ही जीवन सकारात्मकता की ओर बढ़ने लगता है। शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा को बेहद शुभकारी माना गया है। मान्यताओं के अनुसार जो भक्त भोले बाबा की सच्ची श्रद्धा के साथ और पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं उन्हें जीवन के हर संकटों से तुरंत छुटकारा मिल जाता है। 

किस्मत के देवता हैं भगवान शिव

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिव जी को भाग्य विधाता भी कहा जाता है। यानि जो किस्मत में न भी लिखा हो उसे देने की क्षमता महादेव रखते हैं। इसी वजह से उन्हें औघड़दानी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन समर्पित है।

सोमवार के दिन करें शिव जी की अराधना

सोमवार के दिन जो भक्त  भगवान भोलेनाथ की आराधना सच्चे भक्ति भाव के साथ करते हैं उन्हें वो हर चीज प्राप्त होती है, जिसकी उन्हें चाहत होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन किसी भी शिव मंदिर जाएं और वहां जाकर शिव जी का अभिषेक करें और उन्हें बेल पत्र अर्पित करें। अंत में पूजा का समापन शिव जी की कपूर आरती से करें।

॥ शिव जी की आरती ॥

शिव मात पिता, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में।

कोटि कोटि प्रणाम, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

जिनका तो ना आदि, ना अंत पता, भक्तो पे दया।

जो करते सदा, शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

वृषगामी जो, बाघाम्बर है धरे, अनादि अनंत से, जो है परे।

शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

अमृत को नहीं, विष पान किया, अभयदान है, भक्त जनों को दिया।

शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

गौरा नंदन, श्री गणेश कहे, जलधारा जिनके, शीश बहे।

शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

शिव मात पिता, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।