Sharad Pawar: शरद पवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, 'घड़ी' चिह्न के इस्तेमाल पर रोक की मांग

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (6 नवंबर) को NCP शरद गुट के अध्यक्ष शरद पवार की याचिका पर सुनवाई होगी। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी दो गुट में बंट चुकी है। एक गुट अजित पवार का है और दूसरा शरद पवार का है।

Sharad Pawar: शरद पवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, 'घड़ी' चिह्न के इस्तेमाल पर रोक की मांग

Sharad Pawar: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (6 नवंबर) को NCP शरद गुट के अध्यक्ष शरद पवार की याचिका पर सुनवाई होगी। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) दो गुट में बंट चुकी है। एक गुट अजित पवार का है और दूसरा शरद पवार का है। दोनों के बीच पार्टी के मूल चिन्ह घड़ी को लेकर विवाद चल रहा है।

कोर्ट ने अजित पवार गुट को दी थी राहत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस केस में पिछली सुनवाई 24 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने अजित पवार गुट को राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अजित गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों (maharashtra assembly elections) में 'घड़ी' चिह्न का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन उसे चुनावी बैनर और पोस्टर्स में यह लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और अदालत में विचाराधीन है।

कोर्ट ने नया हलफनामा दाखिल करने का दिया था आदेश

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने अजित पवार के वकील को निर्देश दिया था कि अजित गुट कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल करे। इसके साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का उल्लंघन किया गया तो वह खुद ही अवमानना ​​का मामला शुरू करेगी।

बता दें कि शरद गुट ने याचिका में कहा है कि अजित गुट अदालत का आदेश नहीं मान रहा है, इसलिए उसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 'घड़ी' चिह्न के इस्तेमाल से रोका जाए। साथ ही अजित गुट को नए चिह्न के लिए आवेदन करने का आदेश देने की मांग की है। 

अपने लिए शर्मनाक हालात न बनाएं- कोर्ट 

जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) ने अपने आदेश में अजीत पवार के वकील बलवीर सिंह (Advocate Balveer Singh) से कहा था कि एक बार जब हमने निर्देश जारी कर दिया, तो उसका पालन करना होगा। कोर्ट ने कहा कि आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे। अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं।