Pawan Singh will contest elections: बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई के आसार, पवन सिंह ठोंकेगे चुनावी ताल
बिहार के काराकाट संसदीय सीट पर इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होता दिख रहा है। भोजपुरी सिनेमा के चर्चित अभिनेता पवन सिंह के यहां से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह हॉट सीट बन गयी है। खासकर धान उत्पादन के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र में रोहतास का काराकाट, नोखा और डेहरी विधानसभा तथा औरंगाबाद जिले का ओबरा, गोह और नवीनगर विधानसभा आता है।
Pawan Singh will contest elections: बिहार के काराकाट संसदीय सीट पर इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होता दिख रहा है। भोजपुरी सिनेमा के चर्चित अभिनेता पवन सिंह के यहां से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह हॉट सीट बन गयी है। खासकर धान उत्पादन के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र में रोहतास का काराकाट, नोखा और डेहरी विधानसभा तथा औरंगाबाद जिले का ओबरा, गोह और नवीनगर विधानसभा आता है। काराकाट लोकसभा क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र शाहाबाद दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत था। इसके बाद इस क्षेत्र का अधिकांश इलाका विक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत चला गया।
अभिनेता पवन सिंह लड़ सकतें है चुनाव
साल 2008 में हुए परिसीमन में काराकाट लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इस चुनाव में एनडीए के खाते में यह सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में गयी है। जबकि, महागठबंधन की ओर से यह सीट भाकपा (माले) के हिस्से में गयी है। भाकपा माले ने यहां से राजाराम को प्रत्याशी बनाया है। जबकि, राष्ट्रीय लोक मोर्चा की ओर से पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच माना जा रहा है। वहीं, अभिनेता पवन सिंह के यहां से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यहां त्रिकोणात्मक संघर्ष की उम्मीद जताई जा रही है।
पवन सिंह लड़ सकते हैं निर्दलीय चुनाव
यहां हुए पिछले तीन लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की है। तीनों बार कुशवाहा जाति के नेता ही यहां के सांसद बने हैं और तीनों बार एनडीए के प्रत्याशी विजयी हुए हैं। महागठबंधन ने इस चुनाव में खाता खोलने के लिए कुशवाहा जाति से आने वाले राजाराम को चुनावी मैदान में उतार दिया है। दो कुशवाहा नेताओं के बीच राजपूत जाति से आने वाले भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने चुनाव लड़ने का ऐलान करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि पवन सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
काराकाट में मतदाताओं की कुल संख्या करीब 18.70 लाख के करीब है। जातीय गणित को देखें तो यहां यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, जबकि कुर्मी-कोइरी और राजपूत मतदाताओं की संख्या बराबर है। वैश्य मतदाता भी परिणाम को प्रभावित करते हैं। वैसे इसमें कोई शक नहीं कि काराकाट लोकसभा क्षेत्र दो जिलों में बंटे होने कारण प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं माना जाता है। सातवें चरण में यहां एक जून को मतदान होना है।