Centre's big action on stubble burning: पराली जलाने पर केंद्र का एक्शन, दोगुना किया जुर्माना, अब 5 से 30 हजार तक लगेगी पेनाल्टी

केंद्र सरकार ने पराली जलाने के मामलों पर बड़ा एक्शन लिया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार (7 नवंबर) को नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी।

Centre's big action on stubble burning: पराली जलाने पर केंद्र का एक्शन, दोगुना किया जुर्माना, अब 5 से 30 हजार तक लगेगी पेनाल्टी

Centre's big action on stubble burning: केंद्र सरकार (Central government) ने पराली जलाने के मामलों पर बड़ा एक्शन लिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद केंद्र ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार (7 नवंबर) को नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 5000 रुपये, 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30,000 रुपये जुर्माना देना होगा। ये नए नियम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में लागू होंगी और इन राज्यों की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से 14 नवंबर तक मांगा जवाब

बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद लिया है। 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पराली जलाने पर पंजाब-हरियाणा से 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। इससे पहले 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने से प्रभावित राज्य सरकारों को कम जुर्माने के लिए फटकार लगाई थी। इसके साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत नए नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया था। इसके बाद ही केंद्र सरकार (Central government) ने जुर्माने की राशि बढ़ा दी है।  

इस अधिनियम को किया गया संशोधित

ये नियम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत संशोधित किए गए हैं। अधिनियम की धारा 25 की उप-धारा (2) के खंड (एच) का हवाला देते हुए, केंद्र सरकार ने इन नियमों को संशोधित कर, इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का अधिरोपण, संग्रहण और उपयोग) संशोधन नियम, 2024 के रूप में पारित किया है।

सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें- सुप्रीम कोर्ट 

23 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नजर नहीं आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली मामले में हमें सख्त आदेश देने के लिए विवश न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने के प्रयासों को महज दिखावा बताया। 

कम से कम एक मुकदमा चलना ही चाहिए- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।