Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अगवा जवान का शव मिला, सर्च ऑपरेशन के दौरान हुआ था लापता

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में भारतीय सेना को बुधवार को टेरिटोरियल आर्मी के जवान की डेडबॉडी मिली है। उसके शरीर पर गोलियों के कई निशान हैं।

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अगवा जवान का शव मिला, सर्च ऑपरेशन के दौरान हुआ था लापता

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के अनंतनाग में भारतीय सेना (Indian Army) को बुधवार को टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) के जवान की डेडबॉडी मिली है। उसके शरीर पर गोलियों के कई निशान हैं। हालांकि, सेना ने अभी किसी आतंकी हमले की पुष्टि नहीं की है।

अनंतनाग (Anantnag) में जिस जवान की डेडबॉडी मिली है, उसका नाम हिलाल अहमद भट है। वह अनंतनाग के मुखधामपोरा नौगाम (Mukhdhampora Naugam of Anantnag) के रहने वाले थे। वह 8 अक्टूबर कोकेरनाग के काजवान फॉरेस्ट एरिया (Kajwan Forest Area of ​​Kokernag) में मिलिट्री ऑपरेशन में गए थे। इस दौरान वो लापता हो गए थे। उन्हें ढूंढने के लिए सुरक्षाबलों ने रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया था। आज उनकी बॉडी अनंतनाग में सांगलान के जंगलों में मिली। जानकारी के मुताबिक, जवान 4 साल पहले टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती हुए था। उनके परिवार में पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता हैं।

पहले 2 जवानों के अपहरण की थी जानकारी

इससे पहले अनंतनाग में 2 जवानों के अपहरण की जानकारी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, सेना के सूत्रों ने कहा था कि टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) के 2 जवानों को किडनैप किया गया है, जिसमें से एक जवान आतंकियों को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा। इसके बाद आर्मी ने एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।

अगस्त 2020 में एक जवान का हुआ था अपहरण

इससे पहले साल 2020 में आतंकियों ने कश्मीर में टेरिटोरियल आर्मी के जवान शाकिर मंजूर वागे को किडनैप किया था। इस घटना के 5 दिन बाद उनके परिवार को घर के पास ही शाकिर के कपड़े मिले थे। ये घटना 2 अगस्त 2020 को हुई थी। तब 24 साल के शाकिर मंजूर वागे दक्षिण कश्मीर के शोपियां के हरमैन में स्थित अपने घर के पास से लापता हो गए थे।

एक साल बाद मिला था शाकिर का शव 

शाकिर मंजूर वागे 162-टीए में दक्षिणी कश्मीर के बालापुर में तैनात थे। वे बकरीद के त्योहार के मौके पर अपने घर गए थे। अपहरण करने के साथ ही आतंकियों ने उनकी गाड़ी को भी फूंक दिया था। काफी तलाश के बाद भी उनका कोई पता नहीं लग पाया था। अपहरण के एक साल बाद सितंबर 2021 में कुलगाम जिले में शाकिर मंजूर का शव मिला था। मामले में जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस ने शाकिर के परिवार से संपर्क किया। उनके पिता मंजूर अहमद वागे ने शव की पहचान अपने बेटे शाकिर के रूप में की थी। तब उन्होंने कहा था कि शव की पहचान करने पर पता चला कि यह मेरा बेटा शाकिर ही है।

5 दिन पहले सेना ने नाकाम की थी घुसपैठ की कोशिश 

वहीं, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा (Kupwara of Jammu and Kashmir) जिले में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी थी। सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के मुताबिक, 4 अक्टूबर को सेना और पुलिस को एक संदिग्ध एक्टिविटी दिखी। इसके बाद संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी की। इस पर सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था।