India-Canada dispute: भारत-कनाडा विवाद पर बोला अमेरिका, जांच में सहयोग नहीं कर रहा इंडिया
खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर केस को लेकर भारत-कनाडा में विवाद के बीच अमेरिका का एक बयान सामने आया है। अमेरिका ने भारत पर जांच में किसी तरह का सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है।
India-Canada dispute: खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर केस (Hardeep Singh Nijjar Case) को लेकर भारत-कनाडा में विवाद (dispute between india and canada) के बीच अमेरिका का एक बयान सामने आया है। अमेरिका (America) ने भारत पर जांच में किसी तरह का सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है।
भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर- अमेरिका
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर (US State Department spokesperson Matthew Miller) ने मंगलवार (16 अक्टूबर) को कहा कि भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार (Government of India) कनाडा (Canada) के साथ जांच में सहायता करें। भारत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (PM Justin Trudeau) ने सोमवार को दावा किया था कि भारतीय सरकार के अधिकारी निज्जर की हत्या में शामिल थे। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव पर अमेरिका ने टिप्पणी की है। पिछले साल सितंबर महीने में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने संसद में भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे। तब भी अमेरिका ने भारत से जांच में सहयोग करने की बात कही थी।
बीते 3 दिन में भारत-कनाडा के बीच की घटनाएं
13 अक्टूबर को कनाडा ने भारत को एक लेटर भेजा। जिसमें कहा कि भारतीय हाई-कमिश्नर संजय कुमार वर्मा (Indian High Commissioner Sanjay Kumar Verma) और दूसरे डिप्लोमैट्स एक केस में संदिग्ध हैं। कनाडा ने केस की जानकारी नहीं दी, पर इसे निज्जर मामले से जोड़कर देखा गया। 14 अक्टूबर को भारत ने अपने डिप्लोटमैट्स को संदिग्ध बताए जाने पर विरोध जताया और कनाडा के राजदूत को तलब किया। कुछ ही घंटों के बाद भारत ने संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया। देर रात सूचना आई की कनाडा ने भी भारत से अपने 6 राजदूतों को वापस आने का आदेश दिया है। वहीं 15 अक्टूबर को कनाडा के पीएम ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया।
अमित शाह के इशारे पर हुआ हमला
अमेरिकी मीडिया हाउस वॉशिंगटन पोस्ट का दावा है कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह और रॉ एजेंसी ने मिलकर कनाडा में खुफिया जानकारी एकत्र करने और खालिस्तानी आतंकियों पर हमले की अनुमति दी थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने एक कनाडाई अधिकारी के हवाले से कहा कि भारतीय डिप्लोमैट्स कई लोगों पर कनाडा जाने की इजाजत के बदले खुफिया जानकारी देने का दबाव बनाते थे। इस काम कनाडा में भारत के हाई कमिश्नर संजय वर्मा करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अक्टूबर को कनाडा के एनएसए ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) को एक बैठक में इसकी जानकारी भी दी थी।
इंडियन एजेंट्स ने कई जानकारियां जुटाईं- कनाडा पुलिस
कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे (Canadian Police Commissioner Mike Duhame) ने सोमवार (14 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाई हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकी दी गई थी और उन पर दबाव भी बनाया गया। उन्होंने बताया कि भारत ने जो जानकारी जुटाई, उसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। हमने भारत सरकार के अफसरों को इसके सबूत दिए थे और उनसे हिंसा को रोकने और सहयोग करने की अपील की थी।