New Chief Minister of J&K: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने उमर अब्दुल्ला, 5 मंत्रियों ने भी ली पद की शपथ
जम्मू-कश्मीर में आज नई सरकार बन गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार (16 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला इस केंद्र शासित राज्य के पहले मुख्यमंत्री बन गए है।
New Chief Minister of J&K: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आज नई सरकार बन गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बुधवार (16 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) इस केंद्र शासित राज्य के पहले मुख्यमंत्री बन गए है। उन्होंने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली है। शपथ ग्रहण कार्यक्रम श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (Sher-e-Kashmir International Conference Center) में आयोजित हुआ।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम सुरेंदर चौधरी (Deputy CM Surender Chaudhary), मंत्री सकीना इट्टू (Minister Sakina Ittu), जावेद राणा (Javed Rana), जावेद डार (Javed Dar), सतीश शर्मा (Satish Sharma) को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला दोपहर 3:00 बजे एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी (Administrative Secretary) के साथ बैठक करेंगे।
वहीं जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। कांग्रेस का कोई भी विधायक मंत्रिमंडल में नहीं शामिल होगा। हालांकि, कांग्रेस उमर सरकार को समर्थन करती रहेगी। कांग्रेस ने कहा है कि हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक लड़ते रहेंगे।
राहुल-प्रियंका समेत कई नेता पहुंचे
वहीं मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता पहुंचे। संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), आप सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh), NCP(SP) की सुप्रिया सुले, DMK की कनिमोझी, CPI के डी राजा, CPI(M) के प्रकाश करात समेत 6 पार्टियों को नेता समारोह में शामिल हुए। बता दें कि कार्यक्रम में करीब 50 VIPs को न्योता भेजा गया था। हालांकि केजरीवाल और ममता बनर्जी समेत कई नेता समारोह में नहीं पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष ने उमर अब्दुल्ला को दी बधाई
जम्मू-कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि मैं उमर अब्दुल्ला को बधाई देता हूं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके कैबिनेट मंत्रियों को भी बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि वे जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने और जनता के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करने के लिए काम करेंगे।
एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी के साथ बैठक करेंगे उमर अब्दुल्ला
दरअसल, जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट, 2019 (Jammu and Kashmir Reorganization Act, 2019) के तहत मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा सीटों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला दोपहर करीब 3:00 बजे एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी के साथ बैठक करेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 48 विधायकों का साथ
चुनाव में जीते 7 निर्दलीय विधायकों में से 4 ने 10 अक्टूबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था। ये चार निर्दलीय- इंदरवल से प्यारेलाल शर्मा, छम्ब से सतीश शर्मा, सूरनकोट से मोहम्मद अकरम और बनी सीट से डॉ. रामेश्वर सिंह हैं। इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि, अब हमारी संख्या बढ़कर 46 हो गई है। एक दिन बाद 11 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दिया था। मेहराज मलिक डोडा सीट से पार्टी के इकलौते विधायक चुने गए हैं।
मुजफ्फर इकबाल खान ने किया नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन
इसके बाद थन्नामंडी से निर्दलीय विधायक मुजफ्फर इकबाल खान ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दिया। इस तरह नेशनल कॉन्फ्रेंस को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्री-पोल अलायंस के तहत कांग्रेस भी जम्मू-कश्मीर सरकार का हिस्सा रहेगी।
गांदरबल और बडगाम सीटों से उमर ने लड़ा था चुनाव
बता दें कि उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने गांदरबल और बडगाम (Ganderbal and Budgam) दो सीटों से चुनाव लड़ा था और वे दोनों ही सीटों पर जीत गए हैं। कहा जा रहा है कि वे गांदरबल सीट बरकरार रख सकते हैं। 2009 में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) जब पहली बार सीएम बने थे, तब भी वे इसी सीट से चुनाव जीते थे। वहीं उनके दादा शेख अब्दुल्ला 1977 में और पिता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) 1983, 1987 और 1996 में यहां से जीत चुके हैं।
बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे उमर अब्दुल्ला
दरअसल, उमर अब्दुल्ला बारामूला लोकसभा सीट (Baramulla Lok Sabha seat) से चुनाव हार गए थे। निर्दलीय उम्मीदवार और उस समय तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) ने करीब 2 लाख वोट से चुनाव हराया था। इस कारण उमर ने दो सीटों से विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा। ये दोनों ही सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) का गढ़ मानी जाती हैं।
सरकार बनने के बाद अब राज्यसभा चुनाव की तैयारी
जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटने और नई सरकार के गठन के बाद अब प्रदेश की चार राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव होने हैं। इसके लिए अभी से चर्चाएं तेज हो गई हैं। चुनाव में जीती सीटों के हिसाब से दो राज्यसभा सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन और एक बीजेपी के खाते में जा सकती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को राज्यसभा भेजा जा सकता है। उन्होंने खराब सेहत के कारण विधानसभा चुनाव लड़ने नहीं लड़ा था।