History of Cricket Bat: क्रिकेट के इतिहास में बल्ले ने खड़े किये कई बड़े विवाद, जिसके बाद बनें सख्त नियम

वर्ल्ड क्रिकेट में जैसे-जैसे क्रिकेट ने तरक्की की है वैसे वैसे क्रिकेट को लेकर लोगों में उत्साह पैदा हो रहा है। 147 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास से आज के फ़टाफ़ट क्रिकेट में हमने क्रिकेट के कई नए रंग ढंग देखे हैं। क्रिकेट के विकसित होते इतिहास में कई विवादों को भी देखा गया है।

History of Cricket Bat: क्रिकेट के इतिहास में बल्ले ने खड़े किये कई बड़े विवाद, जिसके बाद बनें सख्त नियम

History of Cricket Bat: वर्ल्ड क्रिकेट में जैसे-जैसे क्रिकेट ने तरक्की की है वैसे वैसे क्रिकेट को लेकर लोगों में उत्साह पैदा हो रहा है। 147 साल के टेस्ट क्रिकेट (test cricket) के इतिहास से आज के फ़टाफ़ट क्रिकेट में हमने क्रिकेट के कई नए रंग ढंग देखे हैं। क्रिकेट के विकसित होते इतिहास में कई विवादों को भी देखा गया है। सबसे दिलचस्प विवादों में से कुछ खास तौर पर बल्ले भी रहे हैं। क्रिकेट में कई ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जब क्रिकेट बैट बहस का हिस्सा बन गए। थॉमस व्हाइट (thomas white) के चौड़े बल्ले से लेकर आंद्रे रसेल के काले रंग के विलो तक क्रिकेट के बैट ने पिछले कुछ सालों में क्रिकेट में जो विवाद दिया वो आज भी जांच के दायरे में आए हैं। 

साल 1771 में सामने आया पहला विवाद

शुरुआत करते हैं थॉमस व्हाइट (thomas white) के मॉन्स्टर बैट (monster bat) की कहानी से। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (international cricket) की शुरुआत से काफी पहले साल 1771 में थॉमस व्हाइट नाम के खिलाड़ी को एक ऐसे बैट का ख्याल आया जिसने क्रिकेट खेलने के तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया। चेर्टसी और हैम्बलटन के बीच एक मैच के दौरान व्हाइट बल्लेबाजी करने आए और बल्ला ऐसा था, जो इतना चौड़ा था कि वह पूरे स्टंप को कवर कर सकता था। व्हाइट का इरादा स्टंप की ओर आने वाली हर गेंद को रोकना और खुद को आउट होने से बचाना था। ये क्रिकेट में बैट विवाद की सबसे बड़ी और विवादास्पद कहानी है। हालांकि, उनके इस कदम का विपक्षी खिलाड़ियों ने तुरंत विरोध किया। लेकिन बल्ले के आकार और साइज पर कोई नियम तय नहीं थे। व्हाइट के इस स्टंट ने क्रिकेट के नियमों में बड़े बदलाव की चर्चा को जन्म दिया।

डेनिस लिली का एल्युमिनियम बैट 

थॉमस व्हाइट (thomas white) के मॉन्स्टर बैट (monster bat) के विवाद के काफी अरसे बाद ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली (fast bowler dennis lilly) से जुदा एक विवाद सामने आया। लिली ने 15 दिसंबर 1979 को पर्थ में एशेज सीरीज के पहले टेस्ट के दौरान एल्युमिनियम बैट लेकर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। उन्होंने बल्ले से जुड़ी एक और बहस को जन्म दिया। इससे ठीक 12 दिन पहले उन्होंने बिना किसी शिकायत के वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी बल्ले का इस्तेमाल भी किया था। हालांकि इस बार जब लिली ने इयान बॉथम (ian botham) की गेंद पर शॉट खेला जो बाउंड्री तक नहीं पहुंचा तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल (Australian captain Greg Chappell) ने हस्तक्षेप किया और लिली से पारंपरिक बल्ले का इस्तेमाल करने को कहा, लेकिन लिली ने मना कर दिया। इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रियरली (mike brearley) द्वारा एल्युमीनियम बल्ले से गेंद को होने वाले नुकसान की शिकायत के बाद स्थिति और बिगड़ गई। बाद में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान खुद मैदान पर दौड़े और लिली को लकड़ी का बल्ला थमा दिया। जिससे यह विवाद खत्म हो गया। मैदान में लिली की इस हरकत के बाद से बखेड़ा खड़ा हो गया था। अपनी हताशा के कारण लिली ने एल्युमीनियम का बल्ला एक तरफ फेंक दिया। तब इस बात पर जोर दिया जाने लगा कि क्रिकेट खेलने के लिए नियमों को बेहतर करने की ज़रूरत है।
 
रिकी पोंटिंग का कार्बन ग्रेफाइट बैट 

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (Former captain Ricky Ponting) का सबसे जुदा ये बैट विवाद चर्चा में रहा है। पोंटिंग पर कार्बन ग्रेफाइट की एक पतली पट्टी के साथ बल्ले का उपयोग करने का आरोप लगा था। जिसके बाद MCC ने इसको लेकर चिंता ज़ाहिर की थी। MCC का मानना ​​​​था कि यह पट्टी शॉट को एडिसनल फ़ोर्स देगी जिससे पोंटिंग को फायदा मिलेगा। समीक्षा के बाद पोंटिंग के इस बल्ले को अवैध माना गया और MCC ने दो अन्य कूकाबुरा मॉडल- द बीस्ट और जेनेसिस हरिकेन के साथ इसे प्रतिबंधित कर दिया। 

पोंटिंग ने इस बैट से खूब रन बटोरे

आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2003 से अप्रैल 2005 में मामला सामने आने तक के पीरियड में पोंटिंग ने इस बैट का इस्‍तेमाल करके खूब रन बटोरे। इस अवधि में टेस्‍ट में उनका औसत 70.57 और वनडे में 42.57 का रहा था। माना जाता है कि इस प्रदर्शन में पोंटिंग के ‘खास बैट’ का भी योगदान रहा। साल 2010 के इंडियन प्रीमियर लीग में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने मोंगूज बल्ले से बाउंड्री लगाने के बाद सभी को हैरान कर दिया था। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए, बल्ले से अपनी पहली पारी में हेडन ने दिल्ली के खिलाफ सिर्फ 43 गेंदों पर 93 रन बनाए।

क्रिस गेल गोल्डन बैट से खेलने उतरे  

वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज क्रिस गेल (chris gayle) ने अपने गोल्डन बैट के साथ मैदान पर उतरकर पूरे क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा। बिग बैश लीग के दौरान मेलबर्न रेनेगेड्स (Melbourne Renegades) के लिए खेलते हुए गेल ने क्रीज पर स्पार्टन द्वारा डिजाइन किए गए गोल्डन फिनिश वाले बैट से खेलने उतरे तो फैन्स और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने बैट को देखते ही चिंता जताई थी और अनुमान लगाया कि गेल के गोल्डन बैट (golden bat) में मेटल लगा हो सकता है। हालांकि बैट बनाने वाली कंपनी स्पार्टन ने इन अफवाहों को तुरंत दूर करते हुए कहा कि बैट सिर्फ गोल्ड कलरिंग से बना है।  

आंद्रे रसेल के ब्लैक बैट ने किया परेशान 

वेस्ट इंडीज के ही ऑलराउंडर आंद्रे रसेल (all-rounder andre russell) ने साल 2016 में BBL में एक आकर्षक काले रंग के बल्ले के साथ बल्लेबाजी की। एक बार फिर से काले बल्ले को देखते ही हलचल मच गई। पहले गेल के गोल्डन बैट फिर रसल के ब्लैक बैट ने सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने रसेल की हिम्मत की तारीफ की तो कुछ ने पेशेवर क्रिकेट में इस तरह के बल्ले के इस्तेमाल की वैधता पर सवाल उठाए। रसेल के काले बल्ले को लेकर विवाद के कारण इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। क्योंकि बल्ले से गेंद को नुकसान पहुंचने की आशंका थी।