Mayawati: मायावती ने हरियाणा चुनाव में हार पर जताया अफसोस, कहा- ‘लाभदायक नहीं रहा इनेलो से गठबंधन’

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में करारी हार का सामने करने के बाद, एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी की शर्मनाक हार हुई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) के नतीजे में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाई है।

Mayawati: मायावती ने हरियाणा चुनाव में हार पर जताया अफसोस, कहा- ‘लाभदायक नहीं रहा इनेलो से गठबंधन’

Mayawati: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में करारी हार का सामने करने के बाद, एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी की शर्मनाक हार हुई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) के नतीजे में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाई है। वहीं, हरियाणा चुनाव में भी करारी हार के बाद बसपा चीफ मायावती (BSP Chief Mayawati) जाट समाज पर भड़की हुई हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार (9 अकटूबर) को इस बात पर अफसोस जताया कि हरियाणा के जाट समुदाय ने विधानसभा चुनाव (assembly elections) में उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया। मायावती को लगता है कि दलितों के बारे में उनकी (जाटों की) मानसिकता बदलने की आवश्यकता है।

करोड़ों लोग गरीबी, बेरोजगारी, अन्याय-अत्याचार से परेशान- मायावती 

मायावती ने कहा कि देश में करोड़ों लोग गरीबी, बेरोजगारी और जातिवादी द्वेष, अन्याय-अत्याचार से परेशान हैं। वह लोग लाचार जीवन जीने को मजबूर हैं। इससे यह साबित होता है कि सत्ता पर ज्यादातर समय काबिज़ रहने वाली कांग्रेस व बीजेपी की सरकारें न तो सही से संविधानवादी रही हैं और न ही उस नाते सच्ची देशभक्त है।

इनेलो के साथ गठबंधन लाभदायक नहीं रहा- मायावती

दरअसल, पार्टी संस्थापक कांशीराम (Party founder Kanshi Ram) की पुण्यतिथि मनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची हैं। वहीं 8 अक्टूबर को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मायावती ने इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी का इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lok Dal) के साथ गठबंधन उनकी पार्टी के लिए लाभदायक नहीं रहा। 

बसपा को काफी नुकसान हुआ- मायावती

मायावती ने कहा कि देश में इस बार 18वीं लोकसभा के चुनाव में खासकर कांग्रेस के इंडिया गठबंधन ने संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ आदि का हथकंडा इस्तेमाल किया। उन्होंने इसकी आड़ में देश के विशेषकर भोले-भाले एससी-एसटी और ओबीसी लोगों को गुमराह किया और उनका वोट लेकर अपने गठबंधन को मजबूत बना लिया है। इससे हमारी जैसी और पार्टियों को भी बहुत नुकसान हुआ है। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हराने और उसे सत्ता से बाहर रखने के लिए हरियाणा में जाट समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने बसपा को छोड़ दिया।

अब हमें अपनी विशेष रणनीति बनानी होगी- मायावती

बसपा प्रमुख आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और हरियाणा (Haryana) के विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी इनके और भी हथकंडों और षड्यंत्रों से अपने लोगों को बाहर नहीं निकाल पाई। इससे पार्टी को इन चुनावों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब हमें अपनी विशेष रणनीति बनानी होगी। हमें पहले की तरह बीच-बीच में कैडर के जरिए इनके ऐसे सभी हथकंडों और षड्यंत्रों से लोगों को सावधान करते रहना आवश्यक है। तभी हमारी पार्टी आगे चलकर दोबारा बेहतर स्थिति में आ सकती है।