PPF Account Benefits: क्या है पीपीएफ अकाउंट और इसके फायदें ?

पीपीएफ का पूरा नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड है। पीपीएफ एक छोटी बचत योजना है। पीपीएफ को ट्रिपल टैक्स बेनिफिट वाली स्कीम कहा जाता है। इसमें आपको गारंटीड और टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है। साथ में इनकम में भी छूट मिलती है।  

PPF Account Benefits: क्या है पीपीएफ अकाउंट और इसके फायदें ?

PPF Account Benefits: पीपीएफ एकाउंट इसके बारे में अक्सर अपने अपने आस पास लोगों को बात करते हुए सुना होगा। यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश योजना है। आकर्षक ब्याज दरें इसको आम आदमियों के बीच लोकप्रिय बनात। स्थिर रिटर्न की तलाश कर रहे व्यक्तियों के लिए पीपीएफ योजना एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानी जाती है। तो आज हम आपको बतायेंगे कि पीपीएफ अकाउंट क्या है और इसे कैसे खोल सकते हैं साथ ही इसके नियम और फायदे। 

क्या है पीपीएफ 

पीपीएफ का पूरा नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड है। पीपीएफ (PPF) एक छोटी बचत योजना (Small Savings Scheme) है। पीपीएफ को ट्रिपल टैक्स बेनिफिट (triple tax benefit) वाली स्कीम कहा जाता है। इसमें आपको गारंटीड और टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है। साथ में इनकम Income tax में भी छूट मिलती है। शानदार रिटर्न और टैक्स (Tax) छूट के चलते यह हर किसी का फेवरेट बनता जा रहा है. इसके तहत जो प्रिंसिपल अमाउंट निवेश किया जाता है, उस पर 80सी के तहत टैक्स नहीं लगता है. वहीं इस पर जो ब्याज मिलता है वह भी सेक्शन 10 के तहत टैक्स के दायरे से बाहर रहता है. अक्सर लोग सोचते हैं कि लंबे वक्त तक पीपीएफ में पैसे लगाकर वह रिटायरमेंट तक करोड़पति बन सकते हैं. अगर आप भी पीपीएफ में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो आपको इससे जुड़े नियम पता  होने चाहिए.

कैसे खोलें पीपीएफ अकाउंट

इतनी जानकारी के बाद आपके दिमाग मे ये ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर पीपीएफ अकाउंट कैसे खुलता है। तो आइए हम इसके बारे में आपको बताते हैं.सरकार ने कुछ पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों को पीपीएफ अकाउंट खोलने का अधिकार दे रखा है। आप इन निश्चित पोस्ट ऑफिसों या बैंक शाखाओं में जाकर अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं। कुछ बैंक ऑनलाइन अकाउंट खोलने की भी सुविधा दे रहे हैं। ऐसे बैंकों में आप घर बैठे भी पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं। पीपीएफ के आवेदन फॉर्म (फॉर्म- A) में नॉमिनी का कोई कॉलम नहीं होता है, इसलिए किसी को नॉमिनी बनाना हो तो अकाउंट खोलते वक्त फॉर्म- E जरूर भरें। अगर आप चाहे तो मेच्योरिटी से पहले भी पीपीएफ अकाउंट को बंद करवा सकते हैं. हालांकि, यह भी 5 साल पूरे होने के बाद ही मुमकिन है. साथ ही आप कुछ खास शर्तों के साथ इसे बंद करवा सकते हैं. समय से पहले पीपीएफ बंद करने और पैसे निकालने के लिए शर्त है कि पैसो का इस्तेमाल किसी जानलेवा बीमारी के लिए होना चाहिए. यह अकाउंट होल्डर, उसके पार्टनर, बच्चे या फिर माता-पिता के इलाज के लिए निकाला जा सकता है. साथ ही आपको मेडिकल अथॉरिटी से जरूरी परमिशन भी लेनी होंगी.

पीपीएफ अकाउंट में निवेश पर क्या मितले है फायदें

पिछले कुछ दशकों से पीपीएफ कई निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा साधन बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पीपीएफ अकाउंट में निवेश में मिलने वाले फायदे। इसमें आप अपने बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खोल सकते हैं। किसी भी बच्चे के मां-बाप की तरफ से बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है. अगर कोई दादा-दादी या नाना-नानी अपने नाती-पोते का पीपीएफ अकाउंट खोलना चाहें, तो वह नहीं खोल सकते. बच्चे के नाम पर अकाउंट सिर्फ माता-पिता ही खुलवा सकते हैं. पीपीएफ का सबसे बड़ा फायदा 15 साल का लॉक इन पीरियड है। जैसे ही आपका बच्चा एडल्ट होगा, अकाउंट का ऑपरेशन उसके हाथ में चला जाएगा।  यानी पैसे जमा करने या निकालने के लिए उसके सिग्नेचर की जरूरत होगी। इस तरह उसके पास यह आजादी होगी कि अकाउंट को बंद करना है या आगे जारी रखना है। वह इसे पांच साल के लिए आगे बढ़ा सकता है। यानी उसके लिए 15 साल के लॉक इन पीरियड का झंझट नहीं होगा। हालांकि एक साल में आप अपने और अपने बच्चे के अकाउंट में कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये का ही निवेश कर सकते हैं।

अकाउंट को एक्टिव रखना जरुरी

ब्याज दरों की बात करें तो पीपीएफ में ब्याज दर फिक्स नहीं है बल्कि यह 10 साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी होती है। सरकार अपनी सिक्यॉरिटीज पर मिले यील्ड (रिटर्न) के आधार पर हर तिमाही पीपीएफ के लिए ब्याज दर निर्धारित करती है। 1968-69 में पीपीएफ पर 4% ब्याज था तो 1986-2000 के बीच ब्याज दर बढ़कर 12% तक पहुंच गया था। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए यह 7.10 फीसदी फिक्स किया गया है। लंबे समय से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

अकाउंट ऐक्टिव रखने के लिए सालाना कम-से-कम 500 रुपये अकाउंट में डालने होंगे जबकि एक वित्त वर्ष (अप्रैल से मार्च) में ज्यादा-से-ज्यादा 1.5 लाख रुपये ही डाल सकते हैं। अगर आपने अपने और अपने बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खोल रखे हैं तो सारे अकाउंट्स मिलाकर अधिकतम निवेश की रकम 1.5 लाख रुपये ही रहेगी। अगर आपने 1.5 लाख रुपये की वार्षिक सीमा से ज्यादा की रकम पीपीएफ अकाउंट में डाली तो अतिरिक्त रकम पर ब्याज नहीं मिलेगा और नहीं इस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट ही ले पाएंगे। पीपीएफ खाते में एक शख्स साल में ज्यादा से ज्यादा 12 बार पैसे जमा कर सकता है. यही नही आप अपने पीपीएफ अकाउंट के एवज में लोन भी ले सकते हैं और जमा रकम में से कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं।