Gyanvapi-Mathura case: ज्ञानवापी-मथुरा मामले पर इरफान हबीब का बड़ा बयान, कहा- बदलना होगा कानून

इरफान हबीब ने कहा है कि 300 साल से वहां पर मस्जिद स्थित है। औरंगजेब ने भले ही वहां पर बनी मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनवाई हो लेकिन, क्या अब इन मस्जिदों को तोड़कर वापस मंदिर बनाया जाएगा?

Gyanvapi-Mathura case: ज्ञानवापी-मथुरा मामले पर इरफान हबीब का बड़ा बयान, कहा- बदलना होगा कानून

Gyanvapi-Mathura case: देश के प्रसिद्द इतिहासकारों में शामिल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के प्रोफेसर इरफान हबीब (Professor Irfan Habib) ने ज्ञानवापी और मथुरा मामले पर एक बार फिर बयान दिया है। इरफान हबीब ने कहा है कि 300 साल से वहां पर मस्जिद स्थित है। औरंगजेब ने भले ही वहां पर बनी मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनवाई हो लेकिन, क्या अब इन मस्जिदों को तोड़कर वापस मंदिर बनाया जाएगा? वो भी तब जब हमारे देश में संविधान लागू है। 

‘आप और औरंगजेब में क्या अंतर रह गया’

इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा कि, जब देश में इस तरह की चीजें होती हैं तो इन बातों पर दुनिया हंसती है। 300 साल पहले जो काम औरंगजेब (Aurangzeb) ने किया था, वही काम अब आप करने जा रहे हो। ऐसे में आप और औरंगजेब में क्या अंतर रह गया। ये सारी बातें पहले ही इतिहास में लिखी हुई हैं। कई पारसी किताबों में भी इन बातों का जिक्र है। लेकिन मुद्दा यह है कि 300 साल से जो इमारत वहां पर बनी हुई है क्या, उसे तोड़कर आप वापस से मंदिर बनाएंगे।

ये बहुत ही गलत और दुर्भाग्यपूर्ण- इरफान हबीब

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा कि, औरंगजेब ने भले ही काशी व मथुरा में मंदिरों की जगह मस्जिद बनवा दी हो, लेकिन यह बात भी सच है कि पिछले 300 सालों से वहां पर मस्जिद है। अब ऐसे में क्या इन मस्जिदों को तोड़कर वापस से मंदिर बनाया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो ये बहुत ही गलत और दुर्भाग्यपूर्ण होगा। क्योंकि, संविधान होने के बाद भी हम लोग इस तरह की चीज करेंगे तो औरंगजेब और सरकार में क्या अंतर रह जाएगा। इरफान हबीब ने आगे कहा कि, क्या जो औरंगजेब ने किया वही सरकार करना चाहती है। मुमताज महल यानि ताजमहल जिसको शाहजहां ने बनवाया था, उसको लेकर भी कुछ लोग उल्टी-सीधी बयानबाजी करते हैं। यह सब बेकार और फिजूल की बातें हैं। 

ज्ञानवापी और शाही ईदगाह का मामला 

दरअसल, काशी में ज्ञानवापी (Gyanvapi in Kashi) और मथुरा में शाही ईदगाह (Shahi Eidgah in Mathura) का मामला कोर्ट में चल रहा है। हाल ही में ज्ञानवापी में एसएआई सर्वे के बाद कोर्ट का एक फैसला भी आ गया है। कोर्ट के उस फैसले में ज्ञानवापी की जगह पर बड़े हिंदू मंदिर होने के प्रमाण मिलने का दावा किया जा रहा है। जिसके बाद कोर्ट के द्वारा ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी गई। 

‘300 साल बाद दोहराने का औचित्य नहीं’

वहीं, इन मामलों के बीच इतिहासकार इरफान हबीब का बयान आया है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने जो किया उसे 300 साल बाद दोहराने का औचित्य नहीं है। इरफान ने कहा कि, इस पर 1947 की स्थिति बरकरार रखनी होगी। अगर कोई तब्दीली करनी है तो कानून बदलना होगा।