Bangladesh Cricketer: हिन्दू क्रिकेटर के साथ बांग्लादेश-पाकिस्तान में हुआ खूब भेदभाव

बांग्लादेश से अब तक 174 प्लेयर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेटर खेला ।इनमें 11 खिलाड़ियों ने यानी कि 7% से भी कम हिंदू खिलाड़ी ही प्लेइंग-11 का हिस्सा बना सके।जबकि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 9% है। 11 में से भी 6 को पिछले 10 साल में मौका मिला सका।अब इसकी पीछे भी एक वजह है और आखिर यह वजह क्या है चलिए आपको बताते है।

Bangladesh Cricketer: हिन्दू क्रिकेटर के साथ बांग्लादेश-पाकिस्तान में हुआ खूब भेदभाव

Bangladesh Cricketer: भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश साल 1971 में आजाद हुआ और फिर 1986 में इस देश की टीम ने वनडे क्रिकेट खेलना शुरू किया। उससे पहले तक बांग्लादेश की अपनी कोई क्रिकेट टीम नहीं थी। 1971 तक पाकिस्तान की टीम में पश्चिमी पाकिस्तान जो कि अब के पाकिस्तान के खिलाड़ियों का ही बोलबाला रहा।पाकिस्तान में आम धारणा थी की बंगाली शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और क्रिकेट में बहुत अच्छा नहीं कर पाते इसलिए उन्हें टीम में भी मौका नहीं मिलता था।पाकिस्तान की टीम में तब बंगाली मुसलामानों के साथ भेदभाव हुआ करता था। स्वतंत्र देश बना तो बंगाली मुसलामानों के साथ होने वाला भेदभाव ख़त्म हुआ लेकिन फिर वहां के हिंदुओं के साथ यह भेदभाव शुरू हो गया।बांग्लादेश के लिए पहली बार किसी हिंदू क्रिकेटर को साल 2000 में मौका मिल सका। साल 2000 में ही बांग्लादेश को टेस्ट स्टेटस मिला था और भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में रंजन दास नाम के क्रिकेटर को खिलाया गया था।रंजन इसके बाद कभी बांग्लादेश के लिए नहीं खेल पाए।रंजन ने बाद में अपना धर्म बदला और मुसलमान हो गए लेकिन इसके बाद भी मौका नहीं मिला सका।

बीते 10 सालों में में खेले केवल 6 हिंदू क्रिकेटर

बांग्लादेश से अब तक 174 प्लेयर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेटर खेला ।इनमें 11 खिलाड़ियों ने यानी कि 7% से भी कम हिंदू खिलाड़ी ही प्लेइंग-11 का हिस्सा बना सके।जबकि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 9% है। 11 में से भी 6 को पिछले 10 साल में मौका मिला सका।अब इसकी पीछे भी एक वजह है।बीते दस सालों में 2014 से बांग्लादेश में शेख हसीन की सरकार रही।उस दौरान बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए माहौल खुच बेहतर रहा।क्रिकेट में भी ज्यादा मौके उन्हें मिले।उससे पहले तक 28 साल में टीम से 5 ही हिंदू इंटरनेशनल खेल सके थे।

हिन्दू क्रिकेटर लिटन दास ने खेले हैं सबसे ज्यादा टेस्ट मैच 

बंगलादेश की क्रिकेट में हिन्दू क्रिकेटर्स के साथ भेदभाव होता रहा है।इसी बीच कुछ हिन्दू क्रिकेटर्स ने बांग्लादेश क्रिकेट के लिए शानदार खेल खेला है।स्टार खिलाड़ी लिटन दास उनमें से एक हैं।लिटन दास अब तक 44 टेस्ट खेल चुके हैं।जबकि तापस बैस 21 आलोक कपाली 17 सौम्य सरकार 16 टेस्ट मैच खेल चुके हैं।जबकि चार खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें टीम में रखा गया लेकिन खेलने को मौक़ा नहीं मिला।वनडे क्रिकेट में भी केवल लिटन दास और सौम्य सरकार को सबसे ज्यादा मौके मिले।

पाकिस्तान में केवल 2 हिन्दू क्रिकेट खेल सके 

1947 में जब पाकिस्तान भारत से अलग हुआ तब वहां गैर मुस्लिमों की आबादी 23% थी। लेकिन धीरे धीरे वहां गैर मुस्लिमों की आबादी लगातार घटने लगी।इसका असर वहां के क्रिकेट में भी दिखता है।पाकिस्तान से अब तक 350 प्लेयर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट खेला। जिनमें गैर मुस्लिम महज 7 रहे।पाकिस्तान से अब तक सिर्फ 2 हिंदू क्रिकेटर अनिल दलपत और दानिश कनेरिया ही क्रिकेट खेल सके हैं जबकि और 5 ईसाई खिलाड़ी वालिस मथियास, डंकन शार्प, अनाटो डिसूजा, सोहेल फजल और यूसुफ योहाना ही इंटरनेशनल खेल पाए। इनमें भी यूसुफ योहाना ने बाद में धर्म बदल लिया और मोहम्मद यूसुफ बन गए।