Dementia disease: क्या है डिमेंशिया, किन कारणों से होता है?
बीते साल 2023 में एक शॉर्ट फिल्म आई थी द ब्रोकन टेबल जिसमें मुख्य किरदार अभिनेता नसिरुद्दीन शाह का था जिन्हें एक रिटायर वकील के तौर पर दिखाया गया था। इस फिल्म की सबसे बड़ी हाइलाइट यही है कि वे रिटायर वकील हैं, लेकिन उन्हें खुद इस बात का अभी कोई प्रॉपर कंसेंट नहीं की वे रिटायर हो चुके हैं।
Dementia disease: बीते साल 2023 में एक शॉर्ट फिल्म आई थी द ब्रोकन टेबल जिसमें मुख्य किरदार अभिनेता नसिरुद्दीन शाह का था जिन्हें एक रिटायर वकील के तौर पर दिखाया गया था। इस फिल्म की सबसे बड़ी हाइलाइट यही है कि वे रिटायर वकील हैं, लेकिन उन्हें खुद इस बात का अभी कोई प्रॉपर कंसेंट नहीं की वे रिटायर हो चुके हैं। कभी उन्हें कुछ फायलें पलटते हुए देखा जाता है, तो कभी वे काला कोट पहने नजर आते हैं। बार-बार ये बताए जाने पर भी कि आप अब वकील नहीं रहे वे इस बात को भूल जाते हैं। दरअसल, फिल्म में वे एक बीमारी से पीड़ित हैं जिसे डिमेंशिया कहते हैं। ऐसा नहीं है कि ये बीमारी मूवीज़ तक ही सीमित है। पहले ये बीमारी बुजुर्गों को ही ज्यादा होती थी। लेकिन आज के समय में बहुत से लोगों में खास तौर पर अब तो यंगस्टर्स में भी ये बीमारी देखने को मिल रही है। आज मतलब की खबर में बात करते हैं इसी बारे में और समझते हैं कि क्यों ये बीमारी अब युवाओं को भी तेजी से जकड़ रही है। ये बीमारी वैसे तो बुजुर्गों में देखने को मिलती है। लेकिन आज ये दौर है कि ज्यादातर लोग छोटे बच्चों से लेकर नौजवान युवक सब इसके शिकार होते जा रहे हैं। नीदरलैंड की मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी ने इस पर एक स्टडी की है। इसमें कुछ ऐसे कारण बताए गए हैं, जिसके चलते युवा भी ‘डिमेंशिया’का शिकार हो रहे हैं।
चलिए इन्हें भी जान लेते हैं-
- पहला कारण स्ट्रोक इसके चलते आपके दिमाग में ब्लड लेवल कम हो सकता है। जिसका असर आपके CNS यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर पड़ेगा, जो डिमेंशिया को सीधे तौर पर खुला बुलावा है।
- दूसरा कारण है टाइप-3 डाइबिटीज दरअसल, शरीर के अंदर अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल आपके दिमाग की न्यूरोलॉजिकल साइकल पर गलत असर डालता है जो बाद में आपके लिए डिमेंशिया को बुलावा देता है।
- तीसरा कारण है विटामिन डी की कमी विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत धूप है। विटामिन डी न लेने से ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, जिससे दिमाग फ्रेश फील नहीं करता और तनाव से मुक्त नहीं हो पाता ये भी आपके लिए हानिकारक है।
- चौथा कारण ऐसा है जो अक्सर आपने भी नोटिस किया ही होगा खासतौर पर वो लोग जो ज्यादा लोगों से घुलते-मिलते नहीं और अकेले रहना पसंद करते हैं। जो इंट्रोवर्ट होते हैं। कहने का मतलब है आपका सामाजिक अलगाव ही आपको डिमेंशिया जैसी बीमारी की खांई में ढकेल रहा है।
- पांचवा कारण है जिन लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है क्योंकि इससे दिमाग की रक्त वाहिकाओं में क्लॉटिंग होना या ब्लीडिंग होने की संभावना बढ़ जाती है। जो काफी हानिकारक है।
अब जान लेते हैं क्या निवारण है इसका , कैसे हम इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं-
देखिए सबसे पहले तो आपको अपने खराब लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा। देर रात तक जागना, शराब पीना, टाइम से खाना न खाने की आदत ही आपके लिए इस बीमारी का खुला दरवाजा है। सबसे पहले इसे सुधारें, उसके बाद अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को एड ऑन करें जो सेहत के साथ ही मेंटल एक्टीविटी में भी फायदा दे- फाइबर रिच फूड को ज्यादा से ज्यादा खाएं जैसे फल वगरह साथ में कॉम्पलेक्स कार्बस को अपनी डाइट में ज्यादा लें जैसे ब्रेकफास्ट में ओट्स और कॉर्नफ्लेक्स इसके अलावा ओमेगा-3 रिच फूड्स जैसे फिश या फ्लेक्स सीड भी खा सकते हैं। खाने में ऐसे मसालों को लें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा हो जैसे दालचीनी, अदरक, लेहसुन इनका सेवन करें। तो डिमेंशिया से दूर कैसे रहना है इसका सीधा और सरल उपाय हमने आपको बता दिया। जब आप अपनी डाइट के साथ अपने लाइफस्टाइल को सुधारेंगे तो खुद ब खुद डिमेंशिया से बचे रहेंगे। तो फिलहाल आज आपके मतलब की खबर में इतना ही कैसा लगा हमारा ये वीडियो कमेंट करके हमें जरूर बताएं और सब्सक्राइब करना न भूलें हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म डेली लाइन को।