Maithili Thakur: कौन है मैथिली ठाकुर जिसके भजन के पीएम मोदी भी है मुरीद !
मैथिली ठाकुर।ये नाम जेहन में आते ही एक प्यारी सी छोटी सी लड़की का मुस्कुराता चेहरा सामने आ जाता है जिसने अपने हुनर और उपलब्धि से कम उम्र में ही अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दी है। मैथिली ठाकुर के सुरों के लोग दिवाने हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्षों से लडक़र इन उपलब्धियों को हासिल किया है।
Maithili Thakur: मैथिली ठाकुर।ये नाम जेहन में आते ही एक प्यारी सी छोटी सी लड़की का मुस्कुराता चेहरा सामने आ जाता है जिसने अपने हुनर और उपलब्धि से कम उम्र में ही अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दी है। मैथिली ठाकुर के सुरों के लोग दिवाने हैं। उन्हें गीत संगीत का ये हुनर विरासत में मिला है। लेकिन आज वो सफलता के जिस मुकाम पर पहुंची है वहां तक पहुंचने की राह मैथिली ठाकुर के लिए इतनी आसान नहीं थी। उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्षों से लडक़र इन उपलब्धियों को हासिल किया है।
4 साल की उम्र से शुरु किया सुरीला सफर
25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के छोटे से गांव बेनीपट्टी में जन्मी मैथिली ठाकुर आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। बिहार की बेटी के नाम से मशहूर मैथिली ने महज चार साल की उम्र से ही सुरों का सफर शुरू कर दिया था। मैथिली को बचपन से ही संगीत के सुरों का साथ मिलने लगा था। दरअसल, उनके पिता पेशे से संगीत के टीचर हैं, जबकि मां भारती रमेश ठाकुर हाउसवाइफ हैं मैथिली के दोनों भाई ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर भी संगीत में अच्छे-खासे जानकार हैं। तीनों भाई बहन की जुंगलबंदी लोगों को मन मोह लेती है।
दिल्ली से किया ग्रेजुएशन
मैथिली ठाकुर की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई थी।इसके बाद उनका पूरा परिवार दिल्ली आ गया तो मैथिली ने दिल्ली के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से स्कूलिंग पूरी की।इसके बाद उन्होंने दिल्ली के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
6 बार हार के बाद मिली जीत
मैथिली भले ही आज की तारीख में शोहरत की बुलंदियों पर हैं, लेकिन अपने सफर में उन्हें 6 बार हार का सामना करना पड़ा था।दरअसल, साल 2011 के दौरान मैथिली ठाकुर ने पहली बार लिटिल चैंप्स में जगह बनाई, लेकिन वो शो का हिस्सा नहीं बन सकीं।.इसके बाद उन्होंने 6 और रियलिटी शो में ऑडिशन दिए, लेकिन बार-बार नाकामयाबी ही हाथ लगी।.लेकिन मैथिली ने हिम्मत नहीं हारी वो लगातार कोशिश करती रहीं और साल 2021 के दौरान जीनियस सिंगिंग स्टार का खिताब जीता।
मैथिली के भजन के पीएम मोदी हुए मुरीद
मैथिली ठाकुर के गाये भजन आज पूरे देश में सुने और गुनगुनाए जाते हैं। वो मैथिली भाषा के अलावा भोजपुरी और हिंदी में भी भजन और गीत गाती हैं। वहीं मैथिली के खूबसूरत आवाज और गाए भजन की तारीफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ब्रैंड एंबेसडर हैं मैथिली
मैथिली ठाकुर, बिहार राज्य के खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ब्रांड एंबेसडर हैं।वोबिहार के खादी, हस्तशिल्प और हथकरघा प्रोडक्ट्स का प्रमोशन करती हैं। मैथिली ठाकुर को संगीत नाट्य अकादमी के प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा भी मैथिली ठाकुर को उनकी गायिकी के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं।
करोड़ों की मालकिन हैं मैथिली
अपने हौसले, मेहनत और हुनर की बदौलत मैथिली ठाकुर आज करोड़ों की मालकिन हैं।उन्होंने साल 2018 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था, जिसके 3.77 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।.सिर्फ यूट्यूब के जरिए मैथिली ठाकुर साल का 50 लाख रुपये कमाती हैं।इसके अलावा वो कई ब्रैंड एंडोर्समेंट भी करती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैथिली ठाकुर की कुल संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। बिहार की बेटी मैथिली ठाकुर आज उन सभी लड़कियों के लिए एक मिसाल और प्रेरणा बन चुकी है जो अपने लक्ष्य के लिए संघर्ष कर रही हैं।