World Diabetes Day 2023: जानें क्यों मनाया जाता है विश्व मधुमेह दिवस, और क्या है इस बार की थीम
इस साल विश्व मधुमेह दिवस 2023 की थीम है- एक्सेस टू डायबिटीज केयर।
World Diabetes Day 2023: हर साल 14 नवंबर को पूरी दुनिया में विश्व मधुमेह दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को डायबिटीज के खतरे को लेकर जागरुक किया जाता है। आज हमारे देश में डायबिटीज एक आम बीमारी है। रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया भर में 10 में से 1 युवा मधुमेह यानि डायबिटीज का शिकार है।
14 नवंबर के दिन क्यों मनाया जाता है
14 नवंबर के दिन फ्रेडरिक बेन्टिंग का जन्म दिन होता है, जिन्होंने कनाडा के टोरन्टो शहर में चार्ल्स हर्बर्ट बेस्ट के साथ मिलकर साल 1921 में इन्सुलिन की खोज की थी। इतिहास की इस महान खोज को हमेशा याद रखने के लिए इन्टरनेशनल डायबिटीज फेडेरेशन (IDF) ने साल 1991 में 14 नवम्बर के दिन को विश्व मधुमेह दिवस के रुप में मनाने का ऐलान किया था। इसके बाद साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित होने के बाद आधिकारिक तौर पर इस दिन को मान्यता दी गई थी। यह दिन मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है।
इस साल की थीम
इस साल विश्व मधुमेह दिवस 2023 की थीम है- एक्सेस टू डायबिटीज केयर। जिसका मतलब है मधुमेह रोगियों को उनकी जटिलताओं का समर्थन और प्रबंधन करने के लिए आवश्यक देखभाल प्रदान करना। इस दिन मधुमेह को ठीक करने के लिए जागरूकता, स्वास्थ प्रथाओं और नए चिकित्सा उपचारों को प्रकाश में लाया जाता है।
ये भी पढ़ें- Diabetes Control: करना चाहते हैं डायबिटीज कंट्रोल, तो इन बातों का रखें ध्यान
डायबिटीज के मामले में भारत दूसरे स्थान पर
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई ईलाज नहीं है यह जीवनभर आपके साथ रहेगी और आपका पीछा नहीं छोड़ेगी। बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के मामले में भारत कुल 74.2 मिलियन मरीजों के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं चीन इस मामले में पहले स्थान पर है जहां कुल 140 .9 मिलियन डायबिटीज मरीज हैं। वहीं तीसरे नंबर पर पाकिस्तान का स्थान है जहां 33 मिलियन डायबिटीज मरीज हैं।
टाइप 2 है सबसे आम
बता दें कि मधुमेह के कई रूप हैं जिनमें से टाइप 2 मधुमेह (Diabetes Type 2) सबसे आम है। दरअसल टाइप 2 मधुमेह के लक्षण मामूली होते हैं जिससे इसका पता नहीं चल पाता है। इनमें प्यास लगना, बार-बार यूरिन आना, धुंधली दृष्टि, वजन कम होना और थकान महसूस होना शामिल है। दूसरी तरफ टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है। जिसके चलते समय-समय पर इंसुलिन देना होता है।
क्या है डायबिटीज
वास्तव में डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है। जिसे आम भाषा में मधुमेह कहा जाता है। मधुमेह एक आजीवन रहने वाली बीमारी है जिसमें मरीज के खून में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस बीमारी में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या शरीर उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। असल में इंसुलिन एक हार्मोन है, जो ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। जिन लोगों को डायबिटीज हो जाता है उन्हें जिसकी वजह से शरीर को समय-समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। अगर डायबिटीज का सही इलाज न किया जाए तो यह नसों, आंखों, गुर्दे और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।