Kriti Sanon: कृति सेनन ने नेपोटिज्म को लेकर कही बड़ी बात, खुद को बताया आउटसाइडर

जब आप आउटसाइडर होते हैं तो बॉलीवुड में मौका मिलना मुश्किल होता है'। ऐसा कहते हुए आपने आज तक कई सेलेब्स को सुना होगा। कहने का मतलब है कि बॉलीवुड पर ऐसे आरोप लगते हुए कई बार खबरें आपने देखी होंगी।

Kriti Sanon: कृति सेनन ने नेपोटिज्म को लेकर कही बड़ी बात, खुद को बताया आउटसाइडर

Kriti Sanon: 'जब आप आउटसाइडर होते हैं तो बॉलीवुड में मौका मिलना मुश्किल होता है'। ऐसा कहते हुए आपने आज तक कई सेलेब्स को सुना होगा। कहने का मतलब है कि बॉलीवुड (Bollywood) पर ऐसे आरोप लगते हुए कई बार खबरें आपने देखी होंगी। एक बार और बॉलीवुड (Bollywood) आरोपों के घेरे में है। इस बार ये आरोप लगाए हैं कृति सेनन (Kriti Sanon) ने कृति सेनन ने नेपोटिज्म को लेकर कहा है कि इसके लिए बॉलीवुड कतई जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने ये भी माना है कि बाहरी लोगों के लिए फिल्म इंडस्ट्री में मौके मिलना मुश्किल होता है। 
 
बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर बोलीं कृति सेनन

फिल्म इंडस्ट्री पर अक्सर नेपोटिज्म को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई एक्टर्स और एक्ट्रेसेस इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रख चुके हैं। वहीं अब कृति सेनन ने नेपोटिज्म को लेकर बात की है, उन्होंने ये भी माना है कि बाहरी लोगों के लिए फिल्म इंडस्ट्री में मौके मिलना मुश्किल होता है। हाल ही में कृति सेनन गोवा में चल रहे 55वें इंटरनेशनल (55th international) फिल्म फेस्टिवल में एक मास्टरक्लास में शामिल हुई थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेपोटिज्म के लिए फिल्म इंडस्ट्री जिम्मेदार नहीं है। बल्कि मीडिया और दर्शकों ने इंडस्ट्री को इसका आदि बना दिया है।

'नेपोटिज्म के लिए फिल्म इंडस्ट्री उतनी'

कृति सेनन (Kriti Sanon) ने कहा कि मुझे लगता है कि नेपोटिज्म के लिए फिल्म इंडस्ट्री उतनी जिम्मेदार नहीं है। ये मीडिया और दर्शक हैं। दर्शक ये देखना चाहते हैं कि मीडिया कुछ स्टार किड्स के बारे में क्या कह रहा है। क्योंकि दर्शकों को उनमें दिलचस्पी है, इंडस्ट्री को लगता है कि दर्शकों की दिलचस्पी है तो चलो उनके साथ एक फिल्म बनाई जाए। तो मुझे लगता है कि ये एक सर्कल है। लेकिन मुझे लगता है कि अगर आप टैलेंट हैं तो आप वहां पहुंचेंगे। अगर आप टैलेंटेड नहीं हैं और दर्शकों से जुड़ाव नहीं है तो आप वहां नहीं पहुंच पाएंगे। 

'फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं होते तो आपको...

एक्ट्रेस ने आगे कहा कि जब आप फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं होते तो आपको वहां तक ​​पहुंचने में समय लगता है। जिन मौकों की आप चाहत रखते हैं उन्हें पाने में आपको समय लगता है। आपको उन मैगजीन के कवर पाने में भी समय लगता है। इसलिए हर चीज में थोड़ा स्ट्रगल है। लेकिन 2-3 फिल्मों के बाद अगर आप कड़ी मेहनत करते रहे और इसमें सफल रहे तो कोई भी चीज आपको रोक नहीं सकती।