Sambhal Violence: संभल हिंसा में 4 की मौत, स्कूल बंद, इंटरनेट पर रोक, विपक्ष ने बीजेपी सरकार को घेरा
उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार (24 नवंबर) को भारी हिंसा हुई। शाही जामा मस्जिद के सर्वे करने पहुंची टीम और पुलिस का लोगों ने जमकर विरोध। जिसके बाद वहां भीषण हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल में रविवार (24 नवंबर) को भारी हिंसा हुई। शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) के सर्वे करने पहुंची टीम और पुलिस का लोगों ने जमकर विरोध। जिसके बाद वहां भीषण हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 सुरक्षाकर्मियों और प्रशासन के चार कर्मियों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए। हिंसा के दौरान पथराव किया गया। कई वाहनों में आग लगा दी गई।
दो महिलाओं समेत 21 लोग हिरासत में
वहीं, संभल में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिये गए हैं। वहीं पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान कर उनको अरेस्ट करने के लिए रातभर छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, अबतक दो महिलाओं समेत 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं 400 से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किये गए उपद्रवियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं हिंसा वाले इलाके में 30 थानों की पुलिस को तैनात किया गया है।
चार की मौत, 20 पुलिसकर्मी घायल
मुरादाबाद रेंज की डीआईजी मुनीराज (DIG Muniraj) ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। जिनके खिलाफ सबूत मिलेंगे, उनको गिरफ्तार किया जाएगा और कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रविवार को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें चार सीनियर अधिकारी हैं।
हिंसा में शामिल लोगों का उद्देश्य शांति को बाधित करना था
मुरादाबाद संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन कुछ लोग मस्जिद के पास इकट्ठा हो गए और नारे लगाने लगे। जब पुलिस ने इलाके को खाली कराने का प्रयास किया, तो भीड़ में शामिल उपद्रवियों के एक समूह ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को उकसाया गया था, जिनका उद्देश्य शांति को बाधित करना था। उपद्रवी धीरे-धीरे हिंसक होते गए। उन्होंने पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया और कई गाड़ियों में आग लगा दी।
20 सुरक्षाकर्मी घायल, डिप्टी कलेक्टर का पैर फ्रैक्चर
वहीं, मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं, एसपी के पीआरओ के पैर में गोली लगी, सीओ को छर्रे लगे और हिंसा में 20 सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि एक कांस्टेबल के सिर में भी गंभीर चोट आई है, जबकि डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया है। संभल तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं डीएम के आदेश पर 1 दिसंबर तक जिले में बाहरी लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है, इसे लेकर शहर की सीमा सील कर दी गई है।
संभल हिंसा में मृतकों की हुई पहचान
संभल में रविवार को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई। नौमान और बिलाल अंसारी को रविवार रात सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। वहीं इस हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गई है। एक निजी संस्था ने संभल में पुलिस की फायरिंग से 4 युवकों की मौत का आरोप लगाते हुए वीडियो भी आयोग को भेजा गया है।
संभल हिंसा के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार- राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संभल हिंसा के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- संभल पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया। कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी जिम्मेदार बीजेपी सरकार है।
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। हमें सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
चंद्रशेखर आजाद ने किया आज संभल जाने का ऐलान
वहीं, संभल में 1 दिसंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगने के बाद भी भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने वहां जाने का ऐलान किया है। वह सोमवार यानी आज संभल जाएंगे और मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। चंद्रेशखर आजाद ने एक्स पर लिखा कि सरकारी गोलियां बहुजनों पर सीधे चलती हैं। यह कोई मिथक नहीं, बल्कि एक कटु सत्य है, जिसे हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान आंदोलन हो या सीएए विरोधी आंदोलन... हर बार सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर सीधी गोली चलाकर हमारे लोगों की जान ली है। मैं जल्द ही घायल पुलिसकर्मियों से मिलकर इस हिंसा की सच्चाई देश के सामने लाने का प्रयास करूंगा।
अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट में लिखा- सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का 'सर्वोच्च न्यायालय' तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गए, उनके ख़िलाफ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो। उनके ख़िलाफ़ 'बार एसोसिएशन' भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे. अखिलेश ने कहा कि उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है।
मस्जिद के सर्वे के बाद तनावपूर्ण हालात
संभल में मंगलवार (19 नवंबर) से ही तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। दरअसल स्थानीय कोर्ट ने एक याचिका पर जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि ये जामा मस्जिद हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। रविवार (24 नवंबर) सुबह 6:30 बजे डीएम-एसपी के साथ सर्वे टीम जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में भारी भीड़ जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।