Digital eye strain: क्या है डिजिटल आई स्ट्रेन, कैसे पहुंचाता है नुकसान ?

आज का दौर आधुनिकता से सराबोर है। डिजिटाइजेशन के इस दौर में पैसों के लेनदेन से लेकर, कंप्यूटर पर काम करना, डेटा शेयर करना ऑनलाइन क्लासेस को अटेंड करना हर एक चीज महज एक क्लिक की दूरी पर है और सब कुछ वर्चुअल हो चुका है।

Digital eye strain: क्या है डिजिटल आई स्ट्रेन, कैसे पहुंचाता है नुकसान ?

Digital eye strain: आज का दौर आधुनिकता से सराबोर है। डिजिटाइजेशन के इस दौर में पैसों के लेनदेन से लेकर, कंप्यूटर पर काम करना, डेटा शेयर करना ऑनलाइन क्लासेस को अटेंड करना हर एक चीज महज एक क्लिक की दूरी पर है और सब कुछ वर्चुअल हो चुका है। वर्चुअल दुनिया के इस दौर में आज हम छोटी से छोटी जानकारी के लिए भी अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर ही निर्भर हो गए हैं। एक समय था जब लोग दुकानों से अखबार और किताबें खरीद कर पड़ा करते थे। लेकिन आज उन्हीं अखबारों और किताबों को पढ़ने के लिए भी हम अपने स्मार्टफोन के ही भरोसे रहते हैं। वैसे तो परिवर्तन समय की मांग है, लेकिन क्या हो जब यही परिवर्तन आपके लिए मुसीबत बन जाए या बन जाए एक बीमारी, इसी पर आज आपके मतलब की खबर में हम बात करेंगे डिजिटल आई स्ट्रेन के बारे में, साथ ही आपको अपनी आंखों का ध्यान कैसे रखना है इस बारे में भी जानेंगे। 

आंखों पर पड़ता गहरा असर 

डिजिटल आई स्ट्रेन, या ये कह लीजिए कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम जिसमें जब आप डिजिटल डिवाइस के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आंखों की रौशनी कम होने से लेकर कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। हर रोज़ लगभग 90% लोग, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, हर दिन लगभग 3 घंटे से ज्यादा समय डिजिटल डिवाइस को दे रहे हैं, जिसके चलते उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है। जिससे आपकी आंखें थकी-थकी और तनावग्रस्त हो जाती हैं, और न सिर्फ आपके कंधे में दर्द, गर्दन में दर्द, गर्दन में अकड़न जैसी समस्याएं आपको होती हैं। इसे आप सीधे तौर पर ऐसे भी समझ सकते हैं कि आपको देखने में प्रॉब्लम होगी, आपका विज़न कमजोर होगा, पास की नजर पर असर पड़ेगा और अगर ज्यादा बढ़ जाए तो कई लोगों को आखों से सफेद डिसचार्ज भी निकल सकता है।

म्यूकस के हार्मफुल बैक्टीरिया से होता है आंखों में इन्फेक्शन

दरअसल, पलक झपकने और आने वाले आंसुओं से गंदगी साफ होती रहती है। ये पलकों के किनारों पर ही जमा होने लगती है। जो सोते समय आंखों के किनारे से बाहर आ जाती है, जिससे पलकें आपस में म्यूकस की वजह से चिपक जाती हैं। जब आंखों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और उस समय म्यूकस के हार्मफुल बैक्टीरिया आंखों में इन्फेक्शन पैदा कर देते हैं। जिससे आंखों मे जलन और धुंधला दिखने जैसी प्रॉब्लम होती हैं। तो आज हमने समस्याओं पर बात कर ली अब जान लेते हैं आखों की हेल्थ के लिए हम क्या कर सकते हैं। जब आंखों के स्वास्थ्य की बात आती है, तो आपको अपने खाने में पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए।

इन चीजों का करें सेवन

आंखों की समस्याओं से निजार पाने के लिए खाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड रिच फूड जैसे सॉल्मन और अखरोट शामिल कर सकते हैं। इनमें वो सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो आंखों को हेल्दी रखने में कारगर हैं।

साथ ही अपनी डाइट में पत्तेदार सब्जियां यानी पालक, मेथी, साग और लाल साग खाएं इनमे एंटीऑक्सीडेंट होता है जो आपकी आंखों की सेहत के लिए काफी अच्छा है। इसके अलावा कुछ एक बातों का ध्यान रखना है आपको जैसे गन्दे हाथों से कभी भी आखों को न छुएं और रोज अपनी आखें साफ पीने से अच्छे से धोएं साथ ही साथ अपनी आखों को एक्टिव रखें ये आप कुछ देर के लिए मुह में पानी भरकर आसानी से कर सकते हैं। इस तरह आपकी आखों की मसल्स हमेशा एक्टिव रहेंगी।