UP Rera: फ्लैट आवंटित करने के बाद 5 वर्षों तक उठानी होगी मरम्मत की जिम्मेदारी

UP Rera: नया फ्लैट खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है, अब आने वाले 5 साल तक उन्हें अपने नए घर की या फ्लैट की मरम्मत से फुर्सत मिल जाएगी, कैसे जान लीजिए। 

UP Rera: फ्लैट आवंटित करने के बाद 5 वर्षों तक उठानी होगी मरम्मत की जिम्मेदारी

UP Rera:  अगर आपने किसी सरकारी या निजी बिल्डर से फ्लैट या मकान खरीदा है तो ये आपके लिए काम की खबर है। फ्लैट लेने के पांच साल के अंदर ही अगर उस फ्लैट या घर की दीवार पर सीलन, दरार या प्लास्टर उखड़ने जैसे कोई भी शिकायत सामने आती है तो उसकी पूरी मरम्मत की जिम्मेदारी उसे बनाने वाले बिल्डर की होगी।

इस मरम्मत को कराने के लिए को एक भी पैसा अपना नही लगाना होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ बिल्डर की होगी। ये अहम जानकारी लखनऊ में आयोजित हुए रेरा के सेमिनार में दी गई है। 

रेरा की गाइडलाइन के मुताबिक अगर मकान या फ्लैट बनाने वाले ने को घर में कोई संरचनात्मक दोष की शिकायत बिल्डर या प्रमोटर से करने के एक महीने के बाद तक काम नही कराया जाता है तो आप रेरा में इसकी शिकायत भी कर सकते हैं, इसके लिए रेरा एक्ट में इसका प्रावधान है।

रेरा में शिकायत करने के लिए यहां क्लिक करें

रेरा के इस एक्ट के तहत रेरा की सुनवाई में अगर प्रमोटर्स या बिल्डर की लापरवाही साबित हुई तो स्ट्रक्चरल डिफेक्ट को ठीक कराने के साथ ही उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।

अब एक अहम बात और जान लीजिए अगर आप अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं तो जरा संभल जाइये। 
शहर में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां बन रही हैं। बिना नक्शे के अप्रूवल के बगैर अपार्टमेंट, डुपलेक्स से लेकर सस्ते घर बनाए जा रहे हैं। जिनमें फंसकर लोग अपना नुकसान करवा ले रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2023 तक 50 अवैध कॉलोनियां ध्वस्त हो चुकी हैं, जिनमें 500 से अधिक खरीदारों की रकम डूब गई.. कॉलोनियां अवैध होने के कारण खरीदार कोई दावा भी नहीं कर पा रहे डूबी रकम को वापस पाने के लिए लोग बिल्डर से लेकर अथॉरिटी, पुलिस थानों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। 


इसलिए कोई भी प्लॉट, फ्लैट या प्रोपर्टी खरीदने से पहले अपनी शहर की ऑथोरीटि में जांच जरूर कर लें, अथॉराइज्ड प्रोजेक्ट में ही अपने पैसे लगाएं अधिकारिक प्रोजेक्ट पर कार्रवाई होने पर की जिम्मेदारी नही खरीदार स्वयं जिम्मेदार होता है।

इसको आसानी से समझने के लिए आपको आगरा शहर को दो केस बता देते हैं। जिसपर ADA ने कार्यवाई की है

पहला केस
आगरा के कालिंदी विहार, 80 फुट रोड पर 1500 वर्ग मीटर भूमि पर द्वारिका पुरम कॉलोनी बनाई जा रही थी। 5 हजार रुपये वर्गाकार अहाता में प्लॉट भी बुक हो गए। उसके बाद एडीए ने अवैध कॉलोनी बताकर उसको ध्वस्त कर दिया। बुकिंग कराने वाले लोगों का पैसा फंस गया और अब वे सभी बिल्डर के चक्कर काट रहे हैं। 

दूसरा केस
आगरा के ही सुनारी में छह बीघा खेत पर बन रही अवैध कॉलोनी में सस्ते प्लॉट के लालच में 10 लोगों ने प्लॉट बुक करा लिए चार सितंबर को एडीए ने कॉलोनी को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। अब अवैध कॉलोनी में पैसा फंसाने वाले कोई दावा भी नहीं कर पा रहे।

तो इस तरह से किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए प्रॉपर्टी को लेकर अपने शहर की अथॉरिटी में एक बार जरूर पूछताछ कर लें।