Husband Wife Alimony: पत्नी किन सिचुएशन में मांग सकती है गुजारा भत्ता

Husband Wife Alimony: हाल ही में तलाक के बाद गुजारे-भत्ते के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। ये मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव का था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, “पत्नी को गुजारा-भत्ता देने के लिए पति की जिम्मेदारी है, भले ही उसके पास कमाई का कोई भी जरिया न हो।

Husband Wife Alimony: पत्नी किन सिचुएशन में मांग सकती है गुजारा भत्ता

Husband Wife Alimony: हाल ही में तलाक के बाद गुजारे-भत्ते के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। ये मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव का था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, “पत्नी को गुजारा-भत्ता देने के लिए पति की जिम्मेदारी है, भले ही उसके पास कमाई का कोई भी जरिया न हो, फिर भी उसे हर रोज़ मजदूरी करके रोज 350 से 400 रुपए कमाकर पत्नी को गुजारे के लिए देना होगा।” इसीलिए आज मतलब की खबर में उन कपल्स के लिए है जो तलाक देने जा रहे हैं एक दूसरे को। ऐसे में पत्नी अपने पति से किस सिचुएशन में  गुजारा भत्ते की मांग कर सकती है या नहीं या फिर मांग कर भी सकती है तो किस सिचुएशन में 

इसलिए मतलब की खबर  में हम आज तलाक और गुजारे-भत्ते से जुड़े भारतीय कानून के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि-

जानेें क्या गुजारा-भत्ता है

जब एक व्यक्ति दूसरे कमजोर या अक्षम व्यक्ति को खाना, कपड़ा, घर, एजुकेशन और मेडिकल जैसी बेसिक जरूरत की चीजों के लिए आर्थिक मदद करता है तो उसे गुजारा-भत्ता यानी मेंटेनेंस कहते हैं।

अब ये किसे और किन सिचुएशन में दिया जाएगा ये अलग बात है। गुजारा भत्ता भी दो तरीके का होता है, पहला इंटेरिम और दूसरा परमानेंट। 

  1. इंटेरिम गुजारा भत्ता उसे कहते हैं जब मामला कोर्ट में लंबित है तो उस दौरान के लिए जो गुजारा-भत्ता तय किया जाता है, वह अंतरिम गुजारा-भत्ता कहते हैं।
  2. परमानेंट गुजारा भत्ता तब दिया जाता है जब डिवोर्स के फैसले में कोर्ट जो  राशि  तय करता है वो पति को आजीवन पत्नी को देनी होती है। इसके साथ कई बार कुछ नियम और शर्तें भी हो सकती हैं।

अब ये जान लीजिए किन सिचुएशन में गुजारा भत्ता पाने के लिए पत्नी हकदार होगी- 

सबसे पहली वजह तो ये ही है कि पति ने पत्नी को तलाक दिया हो और पत्नी कुछ न करती हो तब इस सिचुएशन में पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देना ही होगा। 
दूसरी बात ये कि अगर पत्नी कोई काम करती है या फिर जॉब कर रही है वो अपनी जीविका खुद चला सकती है, तब इस सिचुएशन में पति को गुजारा भत्ता देने के लिए वो बाध्य नहीं कर सकती। हालांकि, अगर उनके बच्चे भी हैं तब पति को उनके भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ता देना जरूर पड़ेगा। अब एक बात और की अगर पत्नी विधवा है तो इस सिचुएशन में उसके पति के पिता को गुजारा भत्ता देना होगा। 

चलिये अब ये भी जान लीजिए की पत्नी किन सिचुएशन में गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती- 

  • सबसे पहले अगर पत्नी अपनी मर्जी से पति से अलग हो रही है और रीज़न अनयूज़अल है तब पत्नी गुजारा भत्ता की डिमांड नहीं कर सकती।
  • या दोनों ही आपसी सहमती से अलग हो रहे हों तब
  • पत्नी ने दूसरी शादी कर ली हो तब
  • या उसका किसी और के साथ अफेयर हो तब। एसी सिचुएशन में उसे गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा