Migrain Cause:कोई आम दर्द नही है माइग्रेन, ऐसे ही न करें अनदेखा !

आमतौर पर जब भी सर में दर्द होता है तो अकसर हम इसे आम सर दर्द ही समझते हैं। जिसके लिए हम या तो कोई भी सर दर्द की दवा खा लेते हैं या फिर कोई घरेलू उपाय करते हैं। लेकिन ये जानकर आपको हैरानी जरूर होगी कि सिर दर्द भी कई तरह का होता है। एक रिपोर्ट बताती है कि सिरदर्द 150 तरह का हो सकता है। इन्हीं में से एक है माइग्रेन।

Migrain Cause:कोई आम दर्द नही है माइग्रेन, ऐसे ही न करें अनदेखा !

Migraine Cause: आमतौर पर जब भी सर में दर्द होता है तो अकसर हम इसे आम सर दर्द ही समझते हैं। जिसके लिए हम या तो कोई भी सर दर्द की दवा खा लेते हैं या फिर कोई घरेलू उपाय करते हैं। लेकिन ये जानकर आपको हैरानी जरूर होगी कि सिर दर्द भी कई तरह का होता है। एक रिपोर्ट बताती है कि सिरदर्द 150 तरह का हो सकता है। इन्हीं में से एक है माइग्रेन। अगर आपको ये लगता है कि माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द ही है तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल है। आज मतलब की खबर में हम बात करने जा रहे हैं भारत में 21 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में ले चुके इस साइकोलॉजिकल कंडिशन के बारे में साथ ही ये ट्रिगर न हो कैसे उसे अवॉइड करना है ये भी जानेंगे और लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करना जरूरी है ये भी जानेंगे 

दुनिया में करीब 10% लोग माइग्रेन से पीड़ित

हेल्थ जर्नल JAMA में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, दुनिया में करीब 10% लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं। 10% यानी लगभग 100 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में माइग्रेन होने की आशंका 3 गुना ज्यादा होती है। JAMA की इस स्टडी में ये भी बताया गया है कि अमेरिका में करीब 17% महिलाएं माइग्रेन से जूझ रही हैं, जबकि 5.6% पुरुष इससे जूझ रहे हैं। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की साल 2019 की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में करीब 21.3 करोड़ लोगों को माइग्रेन है, जिसमें 60% तो केवल महिलाएं हैं।

क्या है माइग्रेन और क्यों होता है- 

माइग्रेन एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसमें तेज सिरदर्द होता है। ये दर्द अक्सर इतना तेज होता है कि इसके चलते कोई भी व्यक्ति निढाल पड़ने लगता है। इसमें मतली आ सकती है, उल्टियां हो सकती हैं। वैसे तो माइग्रेन पेन का ड्यूरेशन एक दिन ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में ये 4 घंटे से लेकर 3 दिन तक बना रह सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि माइग्रेन क्यों होता है। हालांकि वे मानते हैं कि इसके पीछे एक बड़ा रीज़न जेनेटिक हो सकता है। जिन पेरेंट्स में से किसी एक को या दोनों को माइग्रेन की समस्या है, उनके बच्चे को माइग्रेन होने की आशंका ज्यादा होती है। 

कब ट्रिगर होता है माइग्रेन-

अब समझ लेते हैं कि ये ट्रिगर क्यों होता है। इसे ऐसे समझिए कि माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है तो ये किन्हीं खास सिचुएशन और दूसरी वजहों से ट्रिगर हो सकता है। माइग्रेन होने का मतलब ये नहीं है कि पीड़ित व्यक्ति को हमेशा ही सिरदर्द होगा, लेकिन किसी दूसरी वजह से जैसे कि स्ट्रेस, टेंशन लेने के चलते इसके ट्रिगर होने की संभावना ज्यादा होगी।  

क्या है इसका इलाज-

इसके इलाज के लिए डॉक्टर आमतौर पर हेडेक डायरी बनाने को कहते हैं। इसमें सोने-जागने का समय, खाने का समय, किस तरह का खाना खाना है, ऐसे कई सवालों के जवाब रोज लिखने होते हैं। 
इससे ये पता लगाने में मदद मिलती है कि पेशेंट के माइग्रेन ट्रिगर्स क्या हैं।
इसके बाद कुछ मेडिकेशन और काउंसिलिंग के जरिए इलाज किया जाता है।
हमें यह समझना है कि ऐसा क्या करें, जिससे माइग्रेन ट्रिगर ही न हो।
अगर ट्रिगर्स को अवॉइड कर लिया जाए तो माइग्रेन एपिसोड यानी वह समय जिसमें कोई व्यक्ति माइग्रेन की चारों स्टेज से गुजरता है, उससे बचा जा सकता है।