Sharjeel Imam: जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को मिली राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट से बुधवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया इलाके में कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को वैधानिक जमानत दे दी है।

Sharjeel Imam: जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को मिली राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत

Sharjeel Imam: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से बुधवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम (JNU alumnus Sharjeel Imam) को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) और जामिया (Jamia) इलाके में कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को वैधानिक जमानत दे दी है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद, शरजील इमाम 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश रचने के मामले में शामिल होने के कारण जेल में ही रहेंगे। जिसमें यूएपीए के आरोप भी शामिल हैं।

शरजील के वकीलों ने कोर्ट के सामने रखीं ये दलीलें

जस्टिस सुरेश कुमार कैत (Justice Suresh Kumar Kait) और जस्टिस मनोज जैन (Justice Manoj Jain) की डिवीजन बेंच ने शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका मंजूर कर ली। साथ ही बेंच ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें उन्हें वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। शरजील इमाम (Sharjeel Imam) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील तालिब मुस्तफा (Lawyer talib mustafa) और अहमद इब्राहिम (Lawyer Ahmed Ibrahim) ने मामले में इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी की थी कि वह अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल पहले ही जेल में बिता चुके हैं। मुस्तफा ने कहा कि इमाम ने संभावित सात साल की सजा में से चार साल और सात महीने की कैद पहले ही पूरी कर ली है। 

दिल्ली पुलिस के वकील ने जमानत का किया विरोध

हालांकि, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक रजत नायर (Rajat Nair) ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शरजील इमाम ने आधी सजा पूरी करने की शर्त पूरी नहीं की है। शरजील इमाम का मामला सीआरपीसी की धारा 436ए के अंतर्गत आता है, जिससे वह वैधानिक जमानत के लिए अयोग्य हो जाते हैं। रजत नायर ने शरजील इमाम को लंबे समय तक मुकदमे से पहले हिरासत में रखने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा कहा कि 2022 में इमाम के अनुरोध पर मुकदमे पर रोक लगा दी गई थी। इन आपत्तियों के बावजूद, कोर्ट ने आरोप तय करने की तारीख और गवाहों की जांच समेत विभिन्न महत्वपूर्ण तारीखों को ध्यान में रखते हुए जमानत दे दी।

जनवरी 2020 में गिरफ्तार हुआ था शरजील इमाम 

बता दें कि शरजील इमाम को जनवरी 2020 में दिल्ली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया था। तब से वो जेल में बंद है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने 17 फरवरी को शरजील इमाम को वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद शरजील इमाम ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।