Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर काशी और प्रयागराज में आस्था का सैलाब, 2 लाख से ज्यादा लोगों ने लगाई डूबकी

आज मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी मान्यता के चलते अयोध्या, प्रयाग और काशी समेत विभिन्न स्थानों में लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं। काशी में आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर स्नान के साथ ही दान और पुण्य करते नजर आ रहे हैं।वहीं दूसरी ओर प्रयागराज स्थित संगम में भी लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं। संगम समेत कुल 12 घाटों पर आज आठ हजार रनिंग फीट बनाए गए हैं।

Mauni Amavasya 2024:  मौनी अमावस्या पर काशी और प्रयागराज में आस्था का सैलाब, 2 लाख से ज्यादा लोगों ने लगाई डूबकी

Mauni Amavasya 2024: देश भर में आज मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी मान्यता के चलते अयोध्या, प्रयाग और काशी समेत विभिन्न स्थानों में लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं। काशी में आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर स्नान के साथ ही दान और पुण्य करते नजर आ रहे हैं। गंगा स्नान करने के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोले भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। श्रद्धालु मौन होकर मां गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। अस्सी से राजघाट तक प्रमुख घाटों पर स्नान के इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं। शीतला घाट और दशाश्वमेध घाट समेत सभी घाटों पर लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।

ठंड के बावजूद भी उमड़ी भीड़

अमावस्या से दो दिन पहले हुई बारिश की वजह से ठंड काफी बढ़ गई है। लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। शुक्रवार सुबह 9 बजे तक काशी में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। वहीं गंगा घाटों पर वेदपाठी पंडित भी मंत्रोच्चार के साथ माथे पर चंदन-टीका लगाते दिखे। देखा जाए तो मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा घाटों पर सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की दिखाई दे रही है। वहीं आसपास के जिलों से भी लोग काशी पहुंचे हैं। साथ ही सड़कों पर पारंपरिक भक्ति गीत गाती महिलाओं की टोली भी देखी गई। धार्मिक मान्यता के अनुसार हर वर्ग के लोगों का जमावड़ा काशी के घाटों पर दिखाई दिया।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट 

भढ़ती भीड़ के चलते एसपीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने बताया कि मौनी अमावस्या को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। सभी घाटों व चौराहों पर जवानों की ड्यूटी लगी है। सभी जवानों की ड्यूटी रात 3 बजे से ही लगाई गई है। वहीं गोदौलिया चौराहे पर वाहनों की पार्किंग भी प्रतिबंधित कर दी गई है। साथ ही महिला पुलिस, एनडीआरएफ की टीम भी निगरानी कर रही है।

प्रयागराज में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

वहीं दूसरी ओर प्रयागराज स्थित संगम में भी लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं। संगम समेत कुल 12 घाटों पर आज आठ हजार रनिंग फीट बनाए गए हैं। साथ ही महाकुंभ के ट्रायल के तौर पर इस बार माघ मेला का आयोजन भी हो रहा है। इसलिए इस स्नान पर्व पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किये गये है। स्नान घाटों पर महिलाओं के लिए चार हजार से ज्यादा चेंजिंग रूम भी लगाए गए हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यतानुसार, अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है।