international snow leopard day: 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस

दुनिया भर में आज अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर हिम तेंदुए के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना इसका उद्देश्य है। हिम तेंदुओं को हिमाचल प्रदेश के राजकीय पशु का दर्जा दिया गया है।

international snow leopard day: 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस

international snow leopard day: दुनिया भर में आज अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर हिम तेंदुए के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना इसका उद्देश्य है। हिम तेंदुओं को हिमाचल प्रदेश के राजकीय पशु का दर्जा दिया गया है। दुनियाभर में हिम तेंदुओं की संख्या 4,000 से भी कम रह गई है। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है, कि वैज्ञानिक आज तक उनके 77 फीसदी ठिकानों का पता नहीं कर पाए हैं। विश्व वन्यजीव संगठन ने हिम तेंदुओं पर पिछले 100 साल में हुए अध्ययनों पर जारी रिपोर्ट में कहा है कि इनके ठिकानों को लेकर जानकारी और डेटा की कमी से संरक्षण प्रयासों को नुकसान हो रहा है। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों की शान कहे जाने वाले हिम तेंदुआ का अत्यधिक ठंडी जलवायु में रहने का कारण इनका अध्ययन करना सबसे कठिन है।

अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस का इतिहास (History of International Snow Leopard Day)

23 अक्टूबर, 2013 को हिम तेंदुए के संरक्षण पर पहले वैश्विक मंच के दौरान बिश्केक घोषणा को अपनाया गया था। फोरम किर्गिज़ की राजधानी बिश्केक में आयोजित किया गया था। 2014 में, बिश्केक घोषणा की एक साल की सालगिरह मनाने के लिए, मंच पर मौजूद बारह देशों ने 23 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस घोषित किया।

रिपोर्टस के अनुसार

रिपोर्ट के हीसाब से 1904 से केवल 23 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र पर ही कोई गणना हुई है, बाकी भाग अभी तक छूटे है। वही हिम तेंदुओं के 35 प्रतिशत आवास ही 2070 तक सुरक्षित रहेंगे। वही  भारत में लगभग 450-500 हिम तेंदुओं का घर है । 


हिम तेंदुए को लेकर सरकारों की चिंता 

हिम तेंदुआ को बचाने के लिए दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है। हिम तेंदुए की आबादी में गिरावट के कई मुख्य कारण है। जिसमें हिम तेंदुओं की खाल के लिए किए जाने वाले अवैध शिकार और हाल के वर्षों में उच्च हिमालय में इनकी संख्या में कमी दर्ज की जा रही है। मानव अपने निजी हित के लिए वन्यजीवों के क्षेत्रफल में अवैध प्रवेश बढ़ाता जा रहा है। जिसके कारण हिम तेंदुओं के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। वन्यजीवों के विभिन्न भागों, उत्पादों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का अवैध व्यापार भी संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।

हिम तेंदुए के राष्ट्रीय उद्यानों की सूची

हिम तेंदुए दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं। ये पृथ्वी के सबसे कठोर हालात वाले क्षेत्र भी रह सकते हैं। हिम तेदुए को हिमालय की शान माना गया है, जिसके कारण भारत सरकार ने हिम तेंदुए को हिमालय की प्रमुख प्रजाति में शुमार किया है। हिम तेंदुए के प्रजातियों के संरक्षण और रहने युक्त आवास स्थान की संरचना को बनाए रखने के सहयोग में अधिनियम लागू किया है।

1 दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान, कश्मीर
2 हेमिस नेशनल पार्क, लद्दाख
3 पिन वैली नेशनल पार्क, हिमाचल प्रदेश
4 गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड
5 कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम
6 नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश
7 नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड
8 फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड
9 ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, हिमाचल प्रदेश
10 गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड