Indian Wrestling Federation: निलंबन के बाद केंद्र सरकार से बात करेंगे संजय सिंह, कहा- एडहॉक कमेटी को मैं नहीं मानता
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने भारतीय ओलंपिक संघ की बनायी गई एडहॉक कमेटी को मानने से इनकार कर दिया है।
Indian Wrestling Federation: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) ने भारतीय ओलंपिक संघ की बनायी गई एडहॉक कमेटी (adhoc committee) को मानने से इनकार कर दिया है। संजय सिंह के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने एडहॉक कमेटी को मानने से इनकार कर दिया है और इस मुद्दे पर खेल मंत्री के साथ चर्चा करने की योजना बना रहे हैं।
3 सदस्यीय एडहॉक कमेटी गठित
भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) ने बुधवार (27 दिसंबर) को तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया है। जिसे डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखरेख का काम सौंपा गया है। समिति की अध्यक्षता भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे। जो वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Wushu Association of India) में अध्यक्ष पद पर हैं। अन्य दो सदस्यों में हॉकी के ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर (Former international badminton player Manjusha Kanwar) शामिल हैं।
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केंद्रीय खेल मंत्रालय ने WFI को किया निलंबित
बता दें कि भारतीय खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को अंडर 15 और अंडर 20 नेशनल्स को आयोजित करने की घोषणा पर चुनाव के तीन दिन बाद ही संजय सिंह के नेतृत्व वाली नई डब्ल्यूएफआई (WFI) संस्था को निलंबित कर दिया। जिसके बाद आईओए को डब्ल्यूएफआई के संचालन की देखरेख के लिए एक अस्थायी पैनल स्थापित करने के लिए कहा है। केंद्रीय खेल मंत्रालय (Union Sports Ministry) ने पैनल को निलंबित करते हुए इस फैसले को ‘जल्दबाजी’ करार दिया और कहा कि यह फैसला डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना लिया गया था।
केंद्र सरकार से बात करेंगे संजय सिंह
संजय सिंह डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। उन्होंने दावा किया कि वह खेल मंत्रालय द्वारा अपने पैनल के निलंबन के खिलाफ कानूनी सलाह लेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वो कानूनी सलाह लेने से पहले केंद्र सरकार से बात करेंगे।