Bodybuilding tips: बॉडी बिल्डिंग के चार बड़े मिथक जिनकी सच्चाई जान आप रह जाएंगे हैरान !
Bodybuilding tips: आज के दौर में जहां स्टाइल और फैशन को तवज्जो दी जाती हो उसी में अगर किसी की अच्छी बॉडी हो तो चार चांद लग जाते हैं। हालांकि बॉडी बिल्डिंग से जुड़े तमाम तरह के मिथक भी हैं। जो लोगों को भ्रांति फैलाने का काम भी करते हैं।
Bodybuilding tips: बॉडी बिल्डिंग कुछ लोगों के लिए एक शौक भर है। तो कुछ के लिए खेल। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसे अपनी जिंदगी बना बैठे हैं। आज के दौर में जहां स्टाइल और फैशन को तवज्जो दी जाती हो उसी में अगर किसी की अच्छी बॉडी हो तो चार चांद लग जाते हैं। हालांकि बॉडी बिल्डिंग से जुड़े तमाम तरह के मिथक भी हैं। जो लोगों को भ्रांति फैलाने का काम भी करते हैं।
आइए आज आपको बताते हैं इसी से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में
1- मिथक- वजन उठाकर ही बनेगी मसल्स
सच- बॉडी बिल्डिंग मे आपने हर किसी को कहते हुए सुना होगा कि जबतक बड़ा नहीं उठाओगे तबतक बड़ा नहीं पाओगे। सरल भाषा में कहें तो इसका सीधा सा अर्थ है कि अगर बॉडी बनानी है, या आप चाहते हैं कि आपके मसल्स की ग्रोथ हो तो आपको वजन तो उठाना ही पड़ेगा ये बात बिलकुल सही है। लेकिन पूरी तरह नहीं। ये बात एक व्यक्ति को खुद समझनी होगी कि उसकी क्षमता या पोटेंशियल कितना है, और उसी के हिसाब से वजन का चुनाव करना होगा। आज कल के युवा यहीं पर चूक कर जाते हैं। दूसरे को देखकर जब आप अपने वजन का चुनाव करेंगे तो वह उनके लिए ही घातक होगा।
क्या कर सकते हैं-
- भारी वजन की जगह अपने रेप रेंज को बढ़ाएँ, हल्के वजन के साथ कई सेट लगाएं। वजन का चुनाव अपनी क्षमता और स्टैमिना देखकर करें। मसल्स माइंड कनेक्शन को बनाकर चलें शोल्डर और बैक के वर्कआउट के वक्त इस बात का खास ध्यान रखें।
- हफ्ते में दो बार किसी भी पार्ट की एक्सरसाइज को अपनी पूरी क्षमता के साथ करें, सेट के साथ-साथ सुपरसेट भी लगाएं।
- जो भी एक्सरसाइज लगाएं आखिर के हर सेट में अपना पूरा दिमाग मसल्स पर लगाएँ, उसे फील करें।
- हर एक्सरसाइज में एक सेट ऐसा हो जिसके बाद आपको ऐसा लगे की अब आपकी क्षमता वर्काउट करने की नहीं बची है।
2- मिथक- वर्कआउट करने के आधे घंटे के अंदर लेना चाहिए प्रोटीन
सच- बॉडिबिल्डिंग में एक टर्म आता है एनाबॉलिक विंडो जिसे भाषा में कहें तो आपने, अपने ही जिम में बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि वर्कआउट करने के आधे घंटे के भीतर प्रोटीन ले लेना चाहिए। आपने देखा भी होगा कि जिम के अंदर वर्कआउट करने के तुरंत बाद प्रोटीन शेक पीते हैं। और यदि आप उनसे पूछेंगे तो वो यही कहेंगे कि वर्कआउट के बाद तुरंत प्रोटीन ले लेना चाहिए। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लॉरिडा के शोधकर्ताओं ने अपनी टीम के साथ बॉडी बिल्डिंग जगत के इस कायदे की पड़ताल की तो पता चला कि एनाबॉलिक विंडो जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर आप वर्कआउट के 2 घंटे बाद भी लेंगे तो भी वह वैसे ही असर करेगा जैसे जल्दी लेने पर करता है। यह बहुत बड़ा मिथ है जो हमें ऐसा लगता है, कि वर्कआउट के बाद तुरंत प्रोटीन ले लेना चाहिए।
3- मिथक- खाली पेट कार्डियों से घटेगी चर्बी
सच- वर्कआउट करने के लिए भी हमें ताकत चाहिए, इसीलिए प्री-वर्कआउट मील या तमाम तरह के प्री वर्कआउट स्पलीमेंट मार्केट में हैं। ताकि ताकत बनी रहे। ये बात सही है कि अगर हम खाली पेट रहते हैं तो हमारी बॉडी शरीर में मौजूद फैट से एनर्जी लेने लगती है। लेकिन अब खाली पेट कार्डियो करना और कुछ खाकर कार्डियो करने से फैट लॉस पर एक जैसा असर ही पड़ता है। बल्कि यदि आप खाली पेट ऐसा करेंगे तो चक्कर आना और शरीर मे ऐल्कट्रोलाइटिक इंबैलेंस जैसी समस्या हो सकती है।
4- मिथक- जितना लेंगे प्रोटीन उतनी बनेगी बॉडी
सच- ये बात सच है कि बॉडी बनानी है तो प्रोटीन तो लेना ही पड़ेगा। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रोटीन के साथ-साथ एक अच्छा रूटीन और लगातार वर्कआउट बहुत मायने रखता है। मसस्ल को तोड़ने से ही काम नहीं चलेगा उसे जोड़ने से बॉडी बनेगी। दूसरी बात ये कि मसल्स के प्रोटीन कनज्यूम करने और मसल्स को जोड़ने की भी सीमा होती है। एक सीमा के बाद शरीर प्रोटीन सिंथेसिस को रोक देता है। एक शोध में यह पता चला कि 70 किग्र वजन वाले कुछ युवकों को 50 ग्राम और कुछ को सिर्फ 30 ग्राम प्रोटीन शेक ही दिया गया। बाद में दोनों युवकों में प्रोटीन सिंथेसिस बराबर ही था और न तो उनके वजन पर कोई फर्क पड़ा और न ही उनके मसल्स। इसका सीधा सा मतलब ये है कि एक बार में जो काम 50 ग्राम प्रोटीन ने किया वही काम 30 ग्राम प्रोटीन ने भी किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रोटीन के साथ-साथ शरीर को हेल्दी फैट्स और मल्टि विटामिन की भी जरुरत पड़ती है इनका भी ध्या