Health Tips : मीठा खाने के बाद क्यों लगती है प्यास, क्या है इसके पीछे का असली कारण?
अकसर आपके साथ भी ऐसा होता होगा कि मीठा खाने के बाद काफी प्यास लगने लगती है। खासकर गर्मियों में है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका असली कारण क्या है? तो आज हम आपको बतायेंगे कि मीठा लगने के बाद प्यास क्यों लगती है।
Health Tips : अकसर आपके साथ भी ऐसा होता होगा कि मीठा खाने के बाद काफी प्यास लगने लगती है। खासकर गर्मियों में है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका असली कारण क्या है? मीठा खाने के बाद प्यास लगने का असल कारण है ग्लूकोज। मिठाई में शामिल ग्लूकोज पेट द्वारा खाली होने में लगने वाले समय को धीमा करने में सक्षम है। जिससे तरल पदार्थ आंत में नहीं पहुंचते हैं, जहां उन्हें अवशोषित किया जा सकता है और उसी के बाद आपको प्यास लगनी शुरू हो जाती है।
मीठें के बाद आखिर कितनी देर बाद पानी पीयें ?
अकसर ऐसा होता है हम मीठा खाने के तुरत बाद ही पानी की प्यास लग जाती है। हालाकिं मीठा खाने के करीब 30 मिनट बाद पानी पीना चाहिए। यदि संभव हो तो इस समय को आप बढ़ा भी सकते हैं। मीठा खाने के तुरंत बाद कुछ नमकीन खाने से पानी की तलब कम होगी।
मीठा ज्यादा खाने से हो सकता है हृदय रोग
ज्यादा चीनी या मीठा खाने से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इससे रक्तचाप और खून में फैट का स्तर बढ़ सकता है, जो की एक समय के बाद हृदय के लिए काफी हानिकारक बन सकता है।
दांत की समस्याएं
मीठा खाने से जितनी परेशानियां हमारे शरीर को होती है उतनी ही हमारें दांतों को भी होती है। हद से ज्यादा मीठा खाने से दांतो में सड़न और मसूड़ों की बीमारियां होने लगती है। दरअसल चीनी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं।
ज्यादा मीठी खाना बन सकता है बच्चों के लिए हानिकारक
अकसर बच्चों की जिद की वजह से हम उनको मीठा खाने से रोक नहीं पाते है जो आगे चल कर डायबिटीज जैसी बीमारी होने का खतरा बन सकता है। बच्चे जब जरूरत से ज्यादा चॉकलेट, टॉफी या मिठाई खा लेते हैं, तो उनके दांत सड़ने लग जाते हैं, जिससे धीरे-धीरे बच्चा बीमार होने लगता है। इसलिए मीठे का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
मीठें की क्रेविंग से कैसे बचे
अगर आपको भी हर वक्त मीठा खाने की क्रेविंग लगी रहती हो आप भी यह कुछ नियम अपनी डेली हैबिट में ला सकते है। इससे आपको बार बार मीठा खाने की क्रेविंग नही होगी।
1-फल खाएं
2-वॉल्क करें
3-क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी वाला खाना चुनें
4-टाइम टेबल के अनुसार खाना खाएं