Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बना ठगी का जरिया, इन बातों का रखें ख्याल
चैटजीपीटी से लेकर बार्ड और जेमिनी आई ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पहुंच को बढ़ा दिया है। अब हर सेक्टर में एआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है जिसके इसका एक नया रूप प्रतिदिन देखने को मिल रहा है।
Artificial Intelligence: आज ‘आपके मतलब की खबर’ में AI Scam या AI Voice Scam के बारे में बात करेगें। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या एआई इस साल सबसे चर्चित मुद्दों में से एक रहा है। चैटजीपीटी से लेकर बार्ड और जेमिनी आई ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) की पहुंच को बढ़ा दिया है। अब हर सेक्टर में एआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है जिसके इसका एक नया रूप प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ एआई से कई चीजें आसान हो रही हैं और काम करने की स्पीड बढ़ गई है। दूसरी ओर उसी अनुपात में जोखिम भी बढ़ रहा है।
दुनियाभर में बढ़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए दुनियाभर में टेक्नोलॉजी में विकास के साथ ही इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से की गई ऑनलाइन ठगी करने के मामले सामने आए हैं। पिछले दिनों ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरीए रिश्तेदार की आवाज निकालकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था। पूरे मामले में आरोपी ठग ने AI के जरिये युवक से उनके मामा की आवाज में बात की और करीब 45 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिये। इसके अलावा एआई वॉयस स्कैम या एआई वॉयस फ्रॉड के कई मामले सामने आए। जिसके बाद से एआई चर्चा में बना हुआ है।
लखनऊ में रिश्तेदार की आवाज निकालकर हुई ठगी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस VOICE SCAM क्या है? इसे जान लेना बेहद जरूरी है। लखनऊ केस में पीड़ित व्यक्ति को किसी साइबर अपराधी ने रिश्तेदार बनकर फोन किया। ठगी करने वाले ने एआई की मदद से व्यक्ति को उसके रिश्तेदार की आवाज में फोन किया। उसने पीड़ित को कहा कि उसे किसी को 90 हजार रुपये भेजने हैं, लेकिन पेमेंट फेल हो जा रहा है। ठग ने उससे 90 हजार रुपए ऑनलाइन देने के लिए कहा औऱ एक मोबाइल नंबर दिया। पीड़ित ने बताए गए नंबर पर पैसे भेज दिए। लेकिन गनीमत रही कि नेटवर्क इशूज की वजह से कई पेमेंट फेल हो गए तो उसे 90 हजार की जगह 44,500 रुपये का ही नुकसान हुआ।
वीडियो कॉल से भी हो रहे बड़े स्कैम
एआई वॉयस स्कैम की तरह ही वीडियो कॉल स्कैम भी चर्चा में हैं। इसमें अपराधी डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर लोगों को उनका परिचित बनकर वीडियो कॉल करते हैं और किसी न किसी बहाने पेमेंट करा लेते हैं। कई बार डीपफेक से अश्लील तस्वीरें या वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया जाता है। अब जरूरी बात ये है कि एआई वॉयस स्कैम या डीपफेक वीडियो स्कैम से कैसे बचा जाएं? इसके लिए आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि एआई और डीपफेक जैसी तकनीक ने असली और फर्जी के बीच की लकीर मिटा दी है। अच्छे-खासे समझदार लोग भी इन्हें नहीं पकड़ पाते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का ध्यान रखने से आप ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। वो ये हैं- अनजान फोन नंबर से आ रहे कॉल को रिसीव ना करें। अगर आपका कोई परिचित बनकर अनजान नंबर से फोन करे, तो पहले उसे वेरिफाई करें। फ्रॉड करने वाले अक्सर अर्जेंट, तुरंत, अभी जैसी जरूरतों का बहाना देते हैं, तो इनसे अलर्ट रहें। संदिग्ध मैसेज या ईमेल में भेजे गए लिंक पर कभी क्लिक न करें। अज्ञात लोगों से मिले क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें। अपने बैंक या कार्ड से जुड़ी जानकारियां किसी को न दें। कुछ भी संदिग्ध लगे तो तुरंत बैंक या पुलिस में शिकायत करें। डर और घबराहट से बचें। आपका डर अपराधियों का हथियार बन जाता है। अगर कोई Urgent में Online पैसे ट्रांसफर करने को बोले तो कोई बहाना बनाकर पैसे मिलकर देने को कहें। जल्द से जल्द मिलने की बात कहें। अगर वह फ्रॉड होगा और आपका रिश्तेदार बनकर बात कर रहा होगा तो तुरंत फोन काट देगा।