Alcohol drinking habit: हर रोज लाखों मौतों का कारण है शराब, जल्द से जल्द छोड़ दें ये आदत।
Alcohol drinking habit: हर रोज के काम के बाद बहुत से लोग शाम के समय में शराब पीते हैं। जिससे रोजाना की उनकी दैनिक कार्यशैली प्रभावित होती है। आज इसी से जुड़ी कुछ एक बातें हम आप को बताने जा रहे हैं।
Alcohol drinking habit: शराब से होने वाले नुकसान के बारे में आप जरूर जानते होंगे लीवर से कैंसर तक न जाने कितनी ही बीमारियां शराब के चलते होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इसी शराब के कारण दुनिया में 30 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में होने वाली हर 20 में से 1 मौत शराब के कारण होती हैं। कुल मिलाकर कहें तो वैश्विक बीमारी के बोझ का 5% से अधिक का कारण शराब से होने वाली बीमारियां हैं।
WHO की ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन एल्कोहल (Global status report on alcohol) और हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में शराब से होने वाली बीमारियों को बोझ बढ़ता जा रहा है।
एक रिसर्च के मुताबिक अल्कोहल (Alcohol) शरीर और मन को एक आभासी दुनिया में जीने की आदत लगा देता है। उन्हें वास्तविक दुनिया फीकी लगने लगती है और अल्कोहल की क्रेविंग (Craving) होती है।
किसी भी आदत के बनने के लिए तीन जरूरी चीजें होती हैं-
1. संकेत होना यानि अलकोहल की क्रेविंग होना
2. दोहराव मतलब लगातार पीना
3. रिवॉर्ड यानि नशे के बाद होने वाली खुशी की कल्पना करना
शुरू-शुरू में लोग शौकिया तौर पर पीना शुरू करते हैं। फिर थोड़े समय बाद कभी-कभार उनका मन पीने का संकेत करता है। उन्हें लगता है कि पीने से उनके दिलो-दिमाग को ‘रिवॉर्ड’ मिलेगा। यानी शराब पीने से उन्हें अच्छा महसूस होगा और उनका टेंशन (Tension) छू मंतर हो जाएगा। फिर यह चक्र लगातार चलता रहता है और शख्स को शराब की लत लग जाती है।
किस तरह से असर करता है अल्कोहल
इंसान के शरीर में 75% तक पानी (Water) होता है और अल्कोहल (Alcohol) काफी सॉल्युबल (Soluble) यानी घुलनशील होता है। ऐसे में शरीर में पहुंचने के 20 मिनट के अंदर ही अल्कोहल अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। शरीर में घुलने के बाद अल्कोहल न्यूरोट्रांसमिटर्स (Neuro transmitters) को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। न्यूरोट्रांसमिटर्स (Neuro transmitters) बॉडी का इंटरनल कम्यूनिकेशन सिस्टम है, जो शरीर को बताता है कि कब चलना, बोलना, रुकना या उठना-बैठना है। लेकिन जब इन न्यूरोट्रांसमिटर्स (Neuro transmitters) पर अल्कोहल का असर होता है।
तो ये स्लो और अनियमित हो जाते हैं। नतीजतन अल्कोहलिक शख्स चलते और बोलते हुए लड़खड़ाता है। कई बार तो वह ऐसा कुछ कर पाने की स्थिति में भी नहीं होता यह सब न्यूरोट्रांसमिटर्स पर पड़े अल्कोहल के प्रभाव की वजह से होता है।
भारत में क्या है स्थिति
WHO के मुताबिक भारत में सालाना 2.6 लाख भारतीय शराब से होने वाली लीवर की बीमारियों और हादसों में मारे जाते हैं। शराब के चलते सर्वाधिक मौत सड़क हादसों में होती हैं।
यूरोप में सबसे ज्यादा पी जाती है शराब
दुनिया में 2.3 अरब लोग शराब पीते हैं। इनमें से आधी से ज्यादा आबादी दुनिया के सिर्फ तीन हिस्सों में मौजूद है। यूरोप (Europe) में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति शराब की खपत है। वर्तमान ट्रेंड और अनुमान के मुताबिक आने वाले सालों में ग्लोबल लेवल (Global Level) पर शराब की खपत बढ़ेगी खासकर दक्षिण-पूर्वी एशिया (South east asia), पश्चिमी पैसेफिक (Western Pacific) क्षेत्र और अमेरिका (America) में।