Harmful effect of Plastic: प्लास्टिक है जानलेवा, ताजा रिसर्च में हुआ खुलासा

Harmful effect of Plastic: रोज़मर्रा की हमारी छोटी-छोटी अच्छी आदतों ने हमारे लीविंग स्टैंडर्डस को सुधारने में मदद की है।  मॉडर्न और ईजी लिविंग के इन्हीं कॉन्सेप्ट ने किचन में एक ऐसी चीज़ को बढ़ाया है।

Harmful effect of Plastic: प्लास्टिक है जानलेवा, ताजा रिसर्च में हुआ खुलासा

Harmful effect of Plastic: रोज़मर्रा की हमारी छोटी-छोटी अच्छी आदतों ने हमारे लीविंग स्टैंडर्डस को सुधारने में मदद की है।  मॉडर्न और ईजी लिविंग के इन्हीं कॉन्सेप्ट ने किचन में एक ऐसी चीज़ को बढ़ाया है जो रोज हमें धीरे-धीरे करके खत्म कर रही है। जिसे हम प्लास्टिक कहते हैं, हम लोगों के घरों में फ्रिज प्लास्टिक के कंटेनर्स से भर चुकी है। पानी की बोतल से लेकर खाने की लगभग सभी चीजें को लोग प्लास्टिक में स्टोर करके रखते हैं, और ये हमारी आदत बन गया है। कुछ ऑनलाइन खाने के लिए मंगाया भी तो वो भी  प्लास्टिक के ही डिब्बे में आता है। ऑर्डर की बात करें तो रोजाना बड़ी संख्या में प्लास्टिक के कंटेनरों में गर्म खाना पैक करके डिलिवर किया जाता है। पैकेजिंग देखकर भले ही वो आपको बहुत ही साफ सुथरा लगे लेकिन प्लास्टिक के इन कंटेनरों की क्वालिटी इतनी खराब होती है कि ये खाने पर बुरा असर डालते ही हैं और यही खाना हम बड़े मजे से खा रहे होते हैं। आज मतलब की खबर में हम बात करेंगे इसी बारे में और जानेंगे कैसे प्लास्टिक के बने ये छोटे-बड़े कंटेनर्स रोज आपको थोड़ा-थोड़ा बीमार कर रहे हैं-

प्लास्टिक को इस्तेमाल करना आसान है। देखने में ये कंटेनर्स डिजाइनर होते हैं अच्छे दिखते हैं और ड्यूरेबल भी होते हैं काफी हद तक। इनके जल्दी टूटने का भी डर नहीं रहता है। इसलिए लोग इनका खूब इस्तेमाल करते हैं। आज की डेट में हर किसी के पास काम पर जाते वक्त टिफिन होता ही है, वो भी प्लास्टिक का, पानी की बॉटल भी प्लास्टिक की, फ्रिज में खाना स्टोर करने के लिए भी कंटेनर रखते हैं तो वो भी प्लास्टिक का। जानकारी का अभाव ही कह लीजिए कि लोग इस बारे में ज्यादा जानते नहीं की ये प्लास्टिक रोज उनके खून में धीरे-धीरे करके कैसे घुल रहा है, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को बुलावा दे रहा है। रोजमर्रा अपने किचनों में जिस प्लास्टिक का हम इस्तेमाल करते हैं दरअसल, वो इस्तेमाल में लाए जाने वाले प्लास्टिक के डिब्बे, थैलियां सैकड़ों सालों तक डीकंपोज नहीं हो पाता। जिससे सेहत के साथ पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। इसे कुछ प्वाइंट्स के जरिए समझिए- 

1- प्लास्टिक बनाते वक्त भी काफी हार्मफुल गैसेज़ निकलती हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं साथ ही हमारे फेफड़ों पर भी इनका सीधा तौर पर  गलत असर पड़ता है
2- दूसरी बात जानवरों के लिए ये बहुत खतरनाक हैं हम तो चलिए एक बार को समझ भी  लें लेकिन उनमें कहां इतनी समझ हर साल लाखों जानवर प्लास्टिक की पॉलिथीन निगलने से मारे जाते हैं। 
3- तीसरी बात प्लास्टिक सैकड़ो सालों तक डिकंपोज नहीं होता जिसके चलते ग्राउंड वॉटर भी काफी प्रदूषित होता है। 
4- चौथी बात जब कभी भी आप प्लास्टिक की टिफिन में या प्लेट में खाना खाते हैं तो उसके छोटे-छोटे कड़ जिन्हें आप देख नहीं सकते वो भी आपके शरीर में घुलने लगते हैं। जो आगे चलकर कैंसर और दूसरी खतरनाक बीमारीयां लेकर आता है। खाने को भी प्लास्टिक के डिब्बों या छोटे कंटेनरों में स्टोर करने से खाने में भी ये कड़ मिल जाते जिससे बाद में आपके लिए दिक्कत हो सकती है।  
5- प्लास्टिक जैसे-जैसे आपके खून में घुलता रहेगा वो आपकी सेहत के लिए ब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं को बुलावा देता रहेगा। 

आखिर में आपको एक छोटी सी एक रिसर्च के बारे में बताते चलते हैं- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज के मुताबिक, 5 मिलीमीटर और इससे छोटे आकार के प्लास्टिक के कणों को माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक पानी की बोतल, खाने के डिब्बों से लेकर टूथब्रश और हवा के जरिए हमारे शरीर में पहुंचते हैं, या फिर खाने के साथ हमारे खून में घुल जाते हैं। यहीं से समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सारे ही प्लास्टिक सेहत पर गलत असर डाल रहे हैं। क्वालिटी के हिसाब से #2, #4 और #5 प्लास्टिक मटेरियल पर प्रिंट होता है, वो खाना रखने और स्टोर करने के लिए ठीक है। आगे कभी भी आप को प्लास्टिक का कोई भी सामान लेना हो टिफिन लेना हो, कंटेनर लेना हो, तो इस बात को ध्यान में रखकर ही खरीदें और अगर ये वीडियो काम का लगा तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें और सब्सक्राइब करें हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म डेली लाइन को