SGPGI Lucknow: अंगदान करने पर इलाज का खर्च होगा माफ, PGI इमरजेंसी विभाग में 15 बेड बढ़े

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के मरीजों और तीमारदारों को मिली बड़ी राहत, संस्थान के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 15 बेड बढ़ा दिए गए हैं।

SGPGI Lucknow: अंगदान करने पर इलाज का खर्च होगा माफ, PGI इमरजेंसी विभाग में 15 बेड बढ़े

SGPGI Lucknow: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI Lucknow) के मरीजों और तीमारदारों को मिली बड़ी राहत, संस्थान के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 15 बेड बढ़ा दिए गए हैं। यह विस्तार रेड जोन में हुआ है। इसके अलावा SGPGI में अंगदान करने वाले मरीजों के इलाज का खर्च भी माफ किया जाएगा।

ब्रेन डेड मरीजों (brain dead patients) का पैसा होगा वापस

SGPGI ने कहा है कि वह ब्रेन डेड घोषित हो चुके मरीजों (brain dead patients) का अंग ट्रांसप्लांट होने के बाद, ब्रेन डेड मरीज के परिवारजनों को उसके इलाज में खर्च हुई सारी राशि लौटा देगा। बता दें कि यह व्यवस्था एपेक्स ट्रामा सेंटर (Apex Trauma Center) में लागू की जाएगी। SGPGI के निदेशक (Director of SGPGI) आर. के. धीमन (R. K. Dhiman) ने बताया है कि यह व्यवस्था कैडेवरिक ट्रांसप्लांट को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गई है।

क्या होता है ब्रेन डेड (What is brain dead)

ब्रेन डेड (brain dead) की स्थिति को 'ब्रेन स्टेम डेथ' (brain stem death) या 'ब्रेन डेथ' भी कहा जाता है। ब्रेन स्टेम दिमाग का निचला हिस्सा होता है, जो रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है। ब्रेन डेड घोषित करने का मतलब है कि मस्तिष्क ने सभी तरह से कार्य करने बंद कर दिया है, यानि की शरीर को सिग्नल भेजने से लेकर समझने या बोलने की क्षमता तक हर किसी शारीरिक और मानसिक क्रिया पर मस्तिष्क द्वारा विराम लग गया है।

रेड जोन में बढ़े 15 बेड

दरअसल SGPGI में बीमारी की गंभीरता के आधार पर 3 जोन बनाए गए हैं, जो कि कलर कोड में विभाजित हैं जैसे रेड, येलो, और ग्रीन। 15 बेड का यह विस्तार रेड जोन में किया गया है, जिसके बाद अब रेड जोन में बेडों की संख्या 12 से बढ़कर 27 हो गई है।

ट्रामा सेंटर के बजट से लौटाए जाएंगे पैसे

SGPGI के प्रशासन विभाग के निदेशक डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि अंगदान की हामी भरने पर मरीज के इलाज का सारा खर्च माफ करने के प्रस्ताव को 14 अगस्त को संस्थान की शासी निकाय की बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंजूरी दी थी, जिसे अब लागू कर दिया गया है। ट्रामा सेंटर के बजट में इसका प्रावधान किया गया है और इसी से परिजनों को ब्रेन डेड मरीज के इलाज में लगे रुपये लौटाए जाएंगे।