Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के 103 साल पूरे, पूर्व छात्रों को किया जाएगा सम्मानित

देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शामिल लखनऊ विश्वविद्यालय ने आज यानि 25 नवंबर को 103 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है। इसके साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 104वें साल में प्रवेश करेगा।

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के 103 साल पूरे, पूर्व छात्रों को किया जाएगा सम्मानित

Lucknow University: देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शामिल लखनऊ विश्वविद्यालय ने आज यानि 25 नवंबर को 103 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है। इसके साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 104वें साल में प्रवेश करेगा। 150 वर्ष से भी पुराने शैक्षणिक इतिहास वाले लखनऊ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह आज बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर सांस्कृतिक आयोजनों समेत कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे।

पूर्व छात्रों को किया जाएगा सम्मानित 

लखनऊ विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। कार्यक्रम में राजनीति, विज्ञान, सिविल सेवा, न्यायपालिका समेत पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे विवि के सात पूर्व छात्रों को सम्मानित भी किया जाएगा। इन पूर्व छात्रों में इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक ऋतु करिधाल, वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह, न्यायमूर्ति एआर मसूदी असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश कुमार शुक्ला, नेपाल के सांसद रमेश लेखक और मशहूर न्यूज एंकर व पत्रकार प्रतीक त्रिवेदी भी शामिल हैं। कार्यक्रम में विश्वविधायल की कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की जाएगी। समारोह में सांस्कृतिक आयोजन के दौरान प्रो. मधुरिमा लाल बेगम अख्तर की गजलें प्रस्तुत करेंगी।

कैनिंग कालेज के रूप में हुई थी लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय की नींव अंग्रेजो के जमाने में रखी गई थी। इसकी शुरुआत कैनिंग कालेज के रूप में की गई थी। भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड चार्ल्स कैनिंग की मौत के बाद उनके सम्मान में अवध के ताल्लुकेदारों ने स्कूल खोलने की इच्छा जताई और फिर एक मई 1864 को हुसैनाबाद में कैनिंग कॉलेज की स्थापना की गई। आगे चलकर यही कैनिंग कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय बन गया। 

आठ छात्रों के साथ हुई शुरुआत

वर्ष 1864 में कैनिंग कॉलेज की शुरुआत आठ छात्रों के साथ हुई थी। अगले दो वर्षों तक यहां सिर्फ हाईस्कूल तक की पढ़ाई होती थी। आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल टॉमस साहब की निगरानी में यह कलकत्ता विवि से संबद्ध था। फिर वर्ष 1887 में इलाहाबाद विवि बनने के बाद उससे संबद्ध हो गया। 13 अगस्त 1920 को इलाहाबाद विवि में ब्रितानिया हुकूमत में यूनाइटेड प्रोविंस के लेफ्टिनंट गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई। बैठक में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय स्थापित करने की जानकारी दी। इसके बाद 25 नवंबर 1920 को गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने विश्वविद्यालय के एक्ट पर हस्ताक्षर कर लखनऊ विश्वविद्यालय की बुनियाद रखी।

17 जुलाई 1921 को शुरू हुआ पहला शैक्षिक सत्र

17 जुलाई 1921 को शुरू हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के पहले शैक्षिक सत्र में डिग्री के साथ 12वीं के विद्यार्थी भी शामिल थे। इंटरमीडिएट का बैच पास होने के बाद यहां इंटर की पढ़ाई बंद हो गई और 1 जुलाई 1922 को इसे पूरी तरह से हस्तांतरित कर दिया गया। आज लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 20 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे है।