Jharkhand Pension Scheme update : झारखंड सरकार ने आदिवासियों और दलित परिवारों की पेशन सीमा की अवधि घटाईं
झारखंड की सरकार ने राज्य के आदिवासी और दलित परिवारों की पेंशन योजना में 60 साल या उससे ऊपर वाले बुजुर्गों की पेंशन की सीमा की अवधि घटा दी हैं।
Jharkhand Pension Scheme Update: झारखंड की सरकार राज्य के आदिवासी और दलित परिवारों (tribal and dalit families) की पेंशन को लेकर बड़ा बदलाव किया हैं। सरकार ने 60 साल या उससे ऊपर वाले बुजुर्गों की पेंशन की सीमा अवधि घटा दी हैं। सरकार अब 50 साल से ऊपर के सभी व्यक्तियों को पेंशन देगी।
छात्रों को मिलेगा गारंटी फ्री लोन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर शुक्रवार को रांची के मोरहाबादी मैदान (Morabadi Maidan) में आयोजित कार्यक्रम में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में कक्षा नौ से लेकर 11 तक के छात्रों को बेहतरीन शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के लिए सरकार गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना (Government Guruji Credit Card Scheme) के तहत बगैर किसी गारंटी के लोन भी देगी। यह लोन छात्र नौकरी हासिल करने के बाद आसान किस्तों में लौटाएंगे। सोरेन ने पीडीएस डीलरों का कमीशन बढ़ाने, बेटियों की पढ़ाई में आर्थिक मदद करने जैसी कई घोषणाएं कीं।
अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों (Lok Sabha and Assembly elections) के मद्देनजर ये घोषणाएं राज्य सरकार का मास्टर स्ट्रोक मानी जा रही हैं। सोरेन ने कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों की मदद के लिए हर वक्त खड़ी है। राज्य में जब डबल इंजन सरकार थी, तो सामान्य दिनों में लोग भूख से मर रहे थे। मौजूदा सरकार ने कोरोना काल में भी सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति को भोजन और सुरक्षा मिले। पूर्व की सरकारों ने 20 साल में सिर्फ 16 लाख लोगों को पेंशन दी, जबकि उनकी सरकार ने 36 लाख 20 हजार लाभार्थियों को पेंशन से जोड़ा है। हर गरीब को सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ मिल रहा है।
आठ लाख गरीबों को मिलेगा आवास
राज्य सरकार की ओर से हाल में शुरू की गई अबुआ आवास योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत राज्य के आठ लाख गरीबों को तीन कमरों का सुविधाजनक आवास मिलेगा। इसके लिए लोग चिह्नित कर लिए गए हैं। सोरेन ने कहा कि उन्होंने केंद्र से राज्य के सभी गरीबों के आवास के लिए सहायता मांगी, लेकिन उसने इनकार कर दिया। अब "हम अपने संसाधनों से हर गरीब के माथे पर छत मुहैया कराएंगे"।
सरकार के चार साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए सोरेन ने कहा कि सरकार बनने के तुरंत बाद दो साल तक कोरोना और सुखाड़ जैसी चुनौती रही। लॉकडाउन में दुनिया थम गई थी। लेकिन उनकी सरकार ने राज्य में कोई अफरा-तफरी नहीं होने दी। झारखंड ने ऑक्सीजन सप्लाई कर देश भर के लोगों की जान बचाई।
अपनी सरकार को मूलवासियों और आदिवासियों के अधिकार के लिए कृतसंकल्प बताते हुए सीएम ने कहा कि राज्य बनने के बाद जिनकी सरकार बनी, उन्होंने झारखंड का सत्यानाश कर दिया। लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर मर गए। उन्होंने कहा, "हमने चुनाव के समय कहा था हमारी सरकार दिल्ली और रांची से नहीं चलेगी। आज "आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम के जरिए गांवों से सरकार चल रही है।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों के लिए कई अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया। उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे राजेंद्र बेदिया को भी नियुक्ति पत्र सौंपा गया। इस दौरान उन्होंने तीन हजार छह सौ अट्ठानबे करोड़ की 323 योजनाओं का शिलान्यास और साढ़े आठ सौ करोड़ की 20 योजनाओं का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन सहित राज्य सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे।