Mathura Holi 2024 Schedule: मथुरा होली है खेलनी तो यहां जाने सही डेट!

होली का त्योहार देश भर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन भारत में सबसे मशहूर है ब्रज की होली। यूं तो इस साल होली 25 मार्च 2024 को है लेकिन ब्रज में होली 40 दिन तक मनाई जाती है जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी से हो चुकी है।

Mathura Holi 2024 Schedule: मथुरा होली है खेलनी तो यहां जाने सही डेट!

Mathura Holi 2024 Schedule: हिन्दू धर्म में कई त्योहार होते है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है होली। होली का त्योहार देश भर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन भारत में सबसे मशहूर है ब्रज की होली। यूं तो इस साल होली 25 मार्च 2024 को है लेकिन ब्रज में होली 40 दिन तक मनाई जाती है जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी से हो चुकी है। ब्रज में बसंत पंचमी के अवसर पर होली का डंडा गाड़ा जाता है। और तभी से होली का त्योहार की शुरुआत हो जाती है। 

17 मार्च से शुरु होगी बरसाना की लड्डू होली

होली से 9 दिन पहले यानी 17 मार्च 2024 को बरसाना में लड्‌डू की होली खेली जाएगी। ये पर्व यहां द्वापर युग से मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि नंदगांव से होली खेलने के लिए बरसाना आने का आमंत्रण स्वीकारने की परंपरा शुरु हुई थी, जिसका आज भी पालन किया जा रहा है। बता दें कि आमंत्रण स्वीकारने के बाद यहां सैकड़ों किलो लड्डू बरसाए जाते हैं। 

18 मार्च को होगी लठ्ठमार होली

मथुरा, वृंदावन और बरसाना की होली विश्व प्रसिद्ध है। जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। इस साल बरसाना में 18 मार्च 2024 को लठ्‌ठमार होली खेली जायेगी। इस होली में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बरसाने में गोपियां बनीं महिलाएं नंदगांव से आए पुरूषों पर लाठी बरसाती हैं और इस दौरान पुरुष ढाल का इस्तेमाल कर खुद को बचाते हैं।

19 मार्च को नंदगांव में लठ्‌ठमार होली

18 मार्च को बरसाने की होली के बाद 19 मार्च को नंदगांव में लठ्ठमार होली खोली जायेगी। इसमें नंदगाँव के पुरुषों पर बरसाना की महिलाओं द्वारा रंगों का बरसाया जाता है। 

20 मार्च को फूलों की होली

नंदगांव की लठमार होली के बाद वृंदावन में फूलवाली होली खेली जाती है। इस दिन रंगभरी एकादशी भी होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं, उनको अबीर और गुलाल अर्पित करते हैं। बता दें कि यह होली काशी में बहुत अच्छे से मनाई जाती है। 

21 मार्च को गोकुल की छड़ीमार होली

फूलों की होली के बाद 21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाती है, इसमें लोग एक दूसरे को छड़ी से मारते है। यह गोकुल में आयोजित होती है। 

24 मार्च को होली दहन

इसके बाद सीधे 24 मार्च को होलिका दहन मनाई जायेगी। फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करते हैं,  इस बार भद्रा लगने के कारण होलिका दहन के लिए शाम को कोई मुहूर्त नहीं है। इस वजह से देर रात होलिका दहन होगा।

25 मार्च को होगी रंगों की होली

वहीं होलिका दहन के बाद 25 मार्च को देशभर में रंगों की होली खेली जायेगी। इस दिन लोग एक दूसरे को गले लगाते है और रंग लगाते है। एक दूसरे को लेकर जो भी मन में द्वेष होता है उसे खत्म कर आगे बढ़ते है।