Bihar Caste Census: विधानसभा में पेश हुआ बिहार जातीय गणना का आर्थिक सर्वे रिपोर्ट, राज्य में 25% सवर्ण गरीब

Bihar Caste Census: बिहार जनगणना के आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गरीबों की कुल संख्या 94 लाख से ज्यादा है जो राज्य के कुल आबादी का 25 फीसदी है।

Bihar Caste Census: विधानसभा में पेश हुआ बिहार जातीय गणना का आर्थिक सर्वे रिपोर्ट, राज्य में 25% सवर्ण गरीब

Bihar Caste Census: बिहार में कराये गए जातीय जनगणना के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट सामने आ गई है. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े देखने को मिले हैं। बिहार जनगणना के आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गरीबों की कुल संख्या 94 लाख से ज्यादा है जो राज्य के कुल आबादी का 25 फीसदी है। आंकड़े के अनुसार इन 94 लाख गरीबों की एक महीने की आमदनी मात्र 6 हजार रुपये के करीब है।   

वहीं अगर बात करें पिछड़े वर्ग की तो बिहार में 33 फीसदी लोग गरीबी रेखा के अन्तर्गत आते हैं। चुनावी माहौल में सामने आए बिहार की जनगणना के आर्थिक आंकड़े की रिपोर्ट सियासी बवाल मचाने के लिए काफी हैं।    

इससे पहले विधानसभा में जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर चर्चा शुरू हुई थी। बता दें कि गणना के कुछ आंकड़े सार्वजनिक हो गए हैं। सार्वजनिक आंकड़ों के मुताबिक बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहार परिवार की कुल आबादी 8.36 लाख बताई गई है।

आंकड़ों में भूमिहार सबसे ज्यादा गरीब

बिहार के जातीय गणना आधारित आंकड़ों के मुताबिक भूमिहारों की कुल आबादी में 27.58 फीसदी भूमिहार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसी प्रकार राजपूत परिवार की कुल आबादी में करीब 9.53 लाख कमजोर हैं। यानी 24.89 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

सामान्य वर्ग में कायस्थ परिवारों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आबादी 1.70 लाख बताई गई है, अर्थात कायस्थों की कुल पारिवारिक आबादी में 13.89 प्रतिशत की माली हालत ठीक नहीं। शेख परिवार की कुल आबादी करीब 11 लाख है इसमे 2.68 लाख यानी 25.84 प्रतिशत परिवार आर्थिक रूप से कमजोर बताए गए हैं।

10 हजार रुपये प्रति महीना कमाने वालों की आबादी इतनी 

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर महीने 10 हजार रुपये कमाने वाले परिवारों की संख्या 63 प्रतिशत से ज्यादा है। वहीं, हर महीने 10 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाले परिवारों की संख्या 37 प्रतिशत है।