Gangster Akhilesh Singh: पूर्व जज पर फायरिंग केस में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को कोर्ट ने किया बरी

जमशेदपुर (jamshedpur) के गैंगस्टर अखिलेश सिंह (Gangster Akhilesh Singh) को जज पर फायरिंग केस (firing case) में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

Gangster Akhilesh Singh: पूर्व जज पर फायरिंग केस में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को कोर्ट ने किया बरी

Gangster Akhilesh Singh: जमशेदपुर (jamshedpur) के गैंगस्टर अखिलेश सिंह (Gangster Akhilesh Singh) को जज पर फायरिंग केस (firing case) में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। वहीं मामले में अन्य आरोपी मनोरंजन सिंह लल्लू, बंटी जायसवाल और रितेश राय के खिलाफ कोर्ट में अलग से केस चल रहा है। फिलहाल, गैंगस्टर अखिलेश राज्य की दुमका जेल में बंद है। 

20 मार्च 2008 को हुई थी घटना

एडीजे-4 न्यायाधीश आनंद मणि त्रिपाठी (ADJ-4 Judge Anand Mani Tripathi) के कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद आज 22 अप्रैल को यह फैसला सुनाया। बता दें कि घटना साकची थाना क्षेत्र में 20 मार्च 2008 को हुई थी। सिविल कोर्ट से रिटायर जज और स्थायी लोक अदालत के तत्कालीन चेयरमैन आरपी रवि सुबह-सुबह जमशेदपुर के साकची बाजार से फल और सब्जी खरीदकर लौट रहे थे। इस दौरान जेल चौक के निकट बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने पूर्व जज आरपी रवि को गोली मारी थी। उन्हें छाती, पैर और कान की बाईं तरफ गोलियां लगी थीं। वह जख्मी होकर सड़क पर गिर पड़े थे। सूचना मिलने पर पत्नी बीरा प्रसाद ने अन्य लोगों की मदद से उन्हें टाटा मेन हॉस्पिटल में दाखिल कराया था। 

जांच के बाद पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

वहीं, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की थी। पुलिस ने जांच के बाद गैंगस्टर अखिलेश सिंह, बंटी जायसवाल, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह और रितेश राय को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

पूर्व जज के फैसले से नाराज था गैंगस्टर

जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन जज आरपी रवि ने साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले से नाराज गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने बदला लेने के लिए अपने गुर्गों ने फायरिंग करवाई थी।

पुलिस ने अखिलेश पर लगाईं कई धाराएं

अदालत में इस केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत कुल 22 लोगों की गवाही हुई थी, लेकिन गैंगस्टर अखिलेश सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 120 बी, आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी। कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा, जबकि आरोपी गैंगस्टर अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुआ।

कई मुकदमों में बरी हो चुका है गैंगस्टर अखिलेश सिंह

बता दें कि कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद अखिलेश श्रीलेदर्स शूज कंपनी के मालिक आशीष डे की हत्या, ट्रांसपोर्टर उपेंद्र शर्मा हत्याकांड, टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह हत्याकांड, बिरसानगर सृष्टि गार्डन बेनामी संपत्ति केस सहित कई मुकदमों में एक-एक कर बरी हो चुका है।