Basant Panchami upay for kids: बसंत पंचमी पर बच्चों से करायें ये काम, पढ़ाई में लगने लगेगा मन

बसंत पंचमी हर साल माघ के महीने में मनाई जाती है। बंसत पंचमी का त्यौहार ज्ञान, बुद्धि, विद्या, वाणी और संपूर्ण कलाओं की ज्ञाता माता सरस्वती का दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं  के अनुसार छोटे बच्चों से इस दिन कुछ लिखवाकर उनकी शिक्षा का आरंभ करना शुभ होता है।

Basant Panchami upay for kids: बसंत पंचमी पर बच्चों से करायें ये काम, पढ़ाई में लगने लगेगा मन

Basant Panchami upay for kids: बसंत पंचमी का पर्व माता सरस्वती को समर्पित होता है। इस साल यह पर्व 14 फरवरी को मनाया जायेगा। इस दिन सभी शिक्षण संस्थानों में भी मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। यह दिन पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए काफी खास होता है। इस दिन पीले रंग के वस्क्ष पहनना व पीला भोजन करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि जो बच्चें पढ़ाई में कमजोर होतें है उन्हें इस दिन माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए, इससे उनके दिमाग का विकास होता है और उन्हें विद्या का वरदान मिलता है। जिन छात्रों का पढ़ाई में मन नही लगता वो इस दिन सच्चे मन से पूजा करें। 

बंसत पंचमी पर अवश्य करें ये काम

बसंत पंचमी हर साल माघ के महीने में मनाई जाती है। बंसत पंचमी का त्यौहार ज्ञान, बुद्धि, विद्या, वाणी और संपूर्ण कलाओं की ज्ञाता माता सरस्वती का दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं  के अनुसार छोटे बच्चों से इस दिन कुछ लिखवाकर उनकी शिक्षा का आरंभ करना शुभ होता है। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से बच्चा आगे पढ़ाई में सफलता प्राप्त करता है और मां का उस पर आर्शीवाद बना रहता है। 

बसंत पंचमी का दिन का उन लोगों के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण होता है जो संगीत या कला के किसी क्षेत्र से जुड़े होते हैं। इस दिन वो अपने संस्थानों में खास तौर पर पूजा करते है। 

बच्चों को लेकर करें ये काम

  • बसंत पंचमी बच्चों के लिए काफी अहम दिन होता है।अगर आपके बच्चे का भी मन पढ़ाई में नही लगता है तो बच्चे के पढ़ाई के कमरे का वास्तु सही करें। 
    इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चों का अध्ययन कक्ष सही दिशा में होना चाहिए। साथ ही कमरे में रखी स्टडी टेबल उत्तर दिशा में होनी चाहिए, इससे बच्चे का पढ़ाई में ध्यान बना रहता है। 
  • साथ ही इस बात का भी ख्याल माता-पिता रखें कि कमरे में पुस्तकों के लिए जो अलमारी बनाएं या रखें वो हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही होनी चाहिए। 
  • बच्चों को मां सरस्वती के मूल मंत्र  'ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः' का मंत्र सिखाएं और रोज उन्हें नियमित रुप से इसका जाप करने के लिए कहें।