Sleeping tips: वर्ल्ड स्लीप डे पर जानिए, नींद से जुड़े वास्तु टिप्स
नींद न आयें तो दिक्कत और ज्यादा आये तो दिक्कत। सोना एक जरूरी प्रक्रिया है। अच्छी नींद व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य को भी दिखाती है। इसी के देखते हुए हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को विश्व नींद दिवस यानी वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। लेकिन क्य़ा आपको जानते हैं कि हिंदू शास्त्र सोने को विशेष महत्व दिया गया है।
नींद न आयें तो दिक्कत और ज्यादा आये तो दिक्कत। सोना एक जरूरी प्रक्रिया है। अच्छी नींद व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य को भी दिखाती है। सेहत के लिहाज से देखें तो अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी माना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ी होती है। इसी के देखते हुए हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को विश्व नींद दिवस यानी वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। ऐसे में आज यानी 15 मार्च को तीसरा फ्राई डे पर रहा है इसलिए आज वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जा रहा है। लेकिन क्य़ा आपको जानते हैं कि हिंदू शास्त्र सोने को विशेष महत्व दिया गया है।
बिस्तर का रखें ध्यान
सोने के लिए सबसे आवश्यक है बिस्तर, सोते समय इस बात का ध्यान रखें आपका बिस्तर साफ - सुथरा होना चाहिए। इस बात का वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है कि व्यक्ति की शय्या यानी बिस्तर किस प्रकार का होना चाहिए। बता दें कि व्यकित को कभी भी टूटी हुई, बहुत बड़ी या बहुत छोटी, बहुत ऊंची, गंदे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। सोने के लिए हमेशा साफ बिछावन का ही प्रयोग करना चाहिए।
सोने की दिशा
वास्तु शास्त्र में हर काम को करने से पहले उसकी दिशा को लेकर काफी वितचार विमर्श किया जाता है।ठीक उसी प्रकार सोने के लिए भी दिशा का विशेष महत्व होता है। माना गया है कि, सोते समय कभी भी अपने पैर पूर्व या फिर दक्षिण दिशा में नहीं रखने चाहिए। वहीं उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से रोगों में वृद्धि होती है और व्यक्ति को बीमारियां घेरने लगती है, इससे व्यकित की आयु घटने लगती है। ऐसे में सोते समय इस बात का ख्याल रखें कि आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि सोते समय अपने पैर दरवाजे की तरफ नहीं रखने चाहिए, ऐसा करने से आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सोने का उचित समय
शास्त्रों में हर चीज का वर्णन किया गया है ठीक उसी तरह सोने के समय को लेकर कई बातों का जिक्र है जिसका हमे ख्याल रखना चाहिए। पहली बात कभी भी सूर्यास्त के तुरंत बाद और गोधूलि बेला में कभी नहीं सोना चाहिए। वहीं, रात्रि के पहले प्रहर में सोना सबसे उत्तम माना जाता है। साथ ही उठने के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त को माना जाता है। बता दें कि दिन के समय में सोना सही नहीं माना जाता। इससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।