Allahabad HC: गौ हत्या पर सख्त हुआ HC, कहा यूपी में रोक के बावजूद हो रही गौ हत्या
बता दें कि देश के 28 राज्यों में से 20 राज्यों में गौ हत्या पर रोक है जबकि 8 राज्य गौ हत्या पर कोई बैन नहीं है।
Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौ वध निरोधक कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी की विवेचना में घोर लापरवाही बरतने पर कड़ी नाराजगी जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस पर इस मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाते हुए पुलिस कमीश्नर को तलब किया है।
हाई कोर्ट ने मांगा 4 सालों का ब्यौरा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौ वध निरोधक कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी की विवेचना में लापरवाही बरतने पर कड़ी नाराजगी और चिंता जाहिर की है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर से पिछले 4 सालों में दर्ज हुई एफआईआर में की गई विवेचना की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने आगे यह भी कहा है कि अगर पुलिस कमिश्नर अगली तारीख पर कोर्ट के सामने मांगे गए दस्तावेजों के साथ पेश नहीं होते हैं, तो गृह सचिव को पूरे प्रदेश के दस्तावेजों के साथ कोर्ट के सामने हाजिर होना पड़ेगा।
समय से नहीं होती विवेचना
कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गौ हत्या पर प्रतिबंध है इसके बावजूद आए दिन इस प्रकार के मामले कोर्ट के सामने आते हैं। कोर्ट ने कहा कि गौ हत्या के संबंध में दर्ज प्राथमिकियों की विवेचना में पुलिस का रूख लचीला रहता है। विवेचना पर सही समय पर एक्शन नहीं लिया जाता है जिसके कारण गौ हत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि पुलिस इस प्रकार के मामलों में गंभीर नहीं है, जिसका सीधा लाभ अपराधियों को मिल रहा है और उनका मनोबल बढ़ रहा है।
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संविधान में क्या है लिखा
भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में राज्यों को गायों और बछड़ों की हत्या को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है। वहीं 26 अक्टूबर 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में भारत के विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा गौ हत्या कानूनों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था।
20 राज्यों में रोक, 8 में वैध
बता दें कि देश के 28 राज्यों में से 20 राज्यों में गौ हत्या पर रोक है जबकि 8 राज्य जिनमें पश्चिम बंगाल, केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं में जिसकी वजह से इन राज्यों में बीफ यानी गाय का मांस खुले तौर पर मिलता है और लोग इसे खाते भी हैं।
उत्तर प्रदेश में क्या है गोहत्या निरोधक कानून
उत्तर प्रदेश में गौहत्या निरोधक कानून के तहत गौहत्या के दोषी को 10 साल तक की जेल और 5 लाख तक जुर्माना भरना होगा। पहले इसके लिए 7 साल की जेल का प्रावधान था।