AFSPA in Arunachal and Nagaland : गृह मंत्रालय ने अरुणाचल और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफ्सपा 6 महीने के लिए बढ़ाया

गृह मंत्रालय ने नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) यानी अफ्सपा लागू रहने की अवधि 1 अप्रैल से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दी है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

AFSPA in Arunachal and Nagaland : गृह मंत्रालय ने अरुणाचल और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफ्सपा 6 महीने के लिए बढ़ाया

AFSPA in Arunachal and Nagaland : गृह मंत्रालय ने नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) यानी अफ्सपा लागू रहने की अवधि 1 अप्रैल से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दी है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नगालैंड सरकार के एक अधिकारी ने गृह मंत्रालय की अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि अफ्सपा लागू रहने की अवधि 8 जिलों - दीमापुर, न्यूलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन के अलावा पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्रों में बढ़ाई गई है। नगालैंड में कुल 16 जिले हैं।

गृह मंत्रालय की एक अन्य अधिसूचना में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के साथ-साथ असम की सीमा से लगे नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में एएफएसपीए को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया है।

अफ्सपा सेना, अर्धसैनिक और अन्य सुरक्षा बलों को बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने के साथ-साथ कुछ अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है। पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा स्थिति में सुधार के साथ केंद्र ने अप्रैल 2022 में नगालैंड, असम और मणिपुर के कई क्षेत्रों में अफ्सपा के तहत अशांत क्षेत्रों की संख्या कम कर दी।

इसे 2015 में त्रिपुरा से 2018 में मेघालय से और 1980 के दशक में मिजोरम से हटा लिया गया था। पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई राजनीतिक दल, गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज संगठन इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दिसंबर 2021 में नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा "गलत पहचान" के एक मामले में 14 लोगों की हत्या और 30 अन्य के घायल होने के बाद मांग तेज हो गई।

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