Svachchhata Sarvekshan 2023: स्वच्छता रैंकिंग में दिल्ली के 90वें स्थान पर आने को शर्मनाक बताते हुए भाजपा ने केजरीवाल पर बोला हमला
भाजपा ने स्वच्छता रैंकिंग में दिल्ली के 90वें स्थान पर आने को शर्मनाक बताते हुए अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है।
Svachchhata Sarvekshan 2023: भारत सरकार (Indian government) ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के नतीजे घोषित कर दिए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में इंदौर और सूरत भारत के सबसे स्वच्छ शहर बने हैं। वहीं दिल्ली को 90 वें स्थान मिला है। भाजपा ने स्वच्छता रैंकिंग (Svachchhata Sarvekshan 2023) में दिल्ली के 90वें स्थान पर आने को शर्मनाक बताते हुए अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है।
केजरीवाल ने दिल्ली को पेरिस बनाने का दावा किया
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप (Aam Aadmi Party) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि केजरीवाल (CM Kejriwal) ने एमसीडी (Municipal Corporation Delhi) में अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली को पेरिस बनाने का वादा किया था पर आज स्वच्छता रैंकिंग में दिल्ली 90वें स्थान पर है।
दिल्ली की स्वच्छता सेवाएं सबसे खराब स्तर पर
उन्होंने (Virendra Sachdeva) कहा कि अरविंद केजरीवाल शासन में दिल्ली की स्वच्छता सेवाएं सबसे खराब स्तर पर चली गई हैं। सीएम केजरीवाल ने वादा किया था कि जब एमसीडी पर आम आदमी पार्टी का शासन होगा तो वे दिल्ली की स्वच्छता के लिए अतिरिक्त संसाधन देंगे, लेकिन, एक साल बाद आज दिल्लीवासी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह देखकर आश्चर्य होता है कि स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में भाग लेने वाले देश के छोटे बड़े शहरों के सर्वेक्षण में राष्ट्रीय राजधानी 90वें स्थान पर है।
2024 में लैंडफिल साइटें पहले जैसी स्थिति में
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि आम आदमी पार्टी ने एक साल में 3 लैंडफिल साइटों को साफ करने का वादा किया था, लेकिन, दिल्लीवासियों को पूरी तरह से निराश कर दिया क्योंकि जनवरी 2024 में लैंडफिल साइटें उसी स्थिति में थीं, जैसी जनवरी 2023 में थीं, जब आप ने एमसीडी पर कब्जा कर लिया था।
दिल्लीवासियों को बुरी तरह निराश किया
सचदेवा (Delhi BJP President) ने कहा कि जैसे लैंडफिल साइटों को साफ करने में यह विफलता पर्याप्त नहीं थी, आज जो स्वच्छ भारत सर्वेक्षण का परिणाम सामने आया है, उसने दिल्लीवासियों को बुरी तरह निराश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि आवासीय और बाजार क्षेत्र की सफाई में एमसीडी को असंतोषजनक 59 प्रतिशत अंक मिले हैं, जिसका मतलब है कि सड़कों से मुश्किल से 59 प्रतिशत कचरा हटाया जाता है।
दिल्लीवासी खुली सड़कों पर कचरा फेंकने के लिए मजबूर
"इसी तरह सर्वेक्षण में कहा गया है कि एमसीडी दिल्ली के केवल 71 प्रतिशत हिस्से में कचरा संग्रहण करती है, जिससे पता चलता है कि 29 प्रतिशत दिल्लीवासी खुली सड़कों पर कचरा फेंकने के लिए मजबूर हैं। घर-घर से कचरा संग्रहण के आंकड़े जब आवासीय और बाजार क्षेत्र की सफाई के साथ रखकर देखे जाते हैं तो हमें यह समझने का कारण मिलता है कि हम शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर क्यों देखते हैं और आरडब्ल्यूए इसकी शिकायत क्यों कर रहे हैं। आज घरों की बैकलेन में शून्य स्वच्छता है।"
दिल्ली में सार्वजनिक शौचालय गंदे
सचदेवा ने आगे कहा कि आज शहर में एमसीडी द्वारा संचालित अधिकांश सार्वजनिक शौचालय गंदे और अस्वास्थ्यकर हैं और जल्द ही वे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक भागीदारी के साथ गंदे सार्वजनिक शौचालय को बेनकाब करने का अभियान चलाएंगे। दिल्ली के बिगड़ते स्वच्छता मानक के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षदों का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है, जिसे भी वे जल्द ही उजागर करेंगे।