PM Modi Convoy : NGT ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी गाड़ियों का नहीं बढ़ाया रजिस्ट्रेशन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने पीएम मोदी की सुरक्षा में लगी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने से इनकार कर दिया है। एसपीजी ने एनजीटी के पास आवेदन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी तीन गाड़ियां मुख्य हैं इसलिए इनका रजिस्ट्रेशन आगे बढ़ाया जाए।
PM Modi Convoy : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने पीएम मोदी की सुरक्षा में लगी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने से इनकार कर दिया है। एसपीजी ने एनजीटी के पास आवेदन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी तीन गाड़ियां मुख्य हैं इसलिए इनका रजिस्ट्रेशन आगे बढ़ाया जाए। लेकिन ट्रिब्यूनल ने SPG के आवेदन को खारिज कर दिया।
SPG ने एनजीटी के आपस किया आवेदन
बतादें कि प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में लगी तीन डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म होने वाला है जिसको बढ़ाने के लिए SPG ने एनजीटी के आपस आवेदन किया था जिस पर एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेष सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने एसपीजी के आवदेन को खारिज कर दिया। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश का दिया हवाला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन ट्रिब्यूनल की पीठ ने कहा कि, "हम इस बात को जानते हैं कि ये तीन वाहन विशेष इस्तेमाल के लिए हैं जो सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, ये वाहन पिछले दस वर्षों में बहुत कम चले हैं। साथ ही पीएम की सुरक्षा के उद्देश्य के लिए इनकी आवश्यकता भी है लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय का दिनांक 29/09/2018 का आदेश है। जिसके आधार पर आपकी अर्जी हम मंजूर नहीं कर सकते। इस लिए इसे खारिज किया जाता है।"
पीएम की सुरभा में लगे हैं रेनॉल्ट एमडी-5 विशेष बख्तरबंद वाहन
बतादें ये तीनों गाड़ियां 2013 में बनी थीं और दिसंबर 2014 में इनका रजिस्ट्रेशन हुआ था। ये गाड़ियां रेनॉल्ट एमडी-5 विशेष बख्तरबंद वाहन हैं। ये तीनों गाड़ियां 9 साल में 600 किमी, 9,500 किमी और 15,000 किमी चली हैं। पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी ने एनजीटी से बख्तरबंद गाड़ियों की पंजीकरण अवधि को पांच साल यानी 23/13/2029 तक बढ़ाने के लिए परिवाह विभाग को अनुमति देने का आनुरोध किया था। क्योंकी ये वाहन स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप तकनीकी लॉजिस्टिक्स का मुख्य और अभिन्न अंग हैं।