WORLD POLIO DAY : क्या है पोलियो की बीमारी , किस उम्र के बच्चों को इसका ज्यादा खतरा, इससे कैसे बचा जा सकता है

बचपन में सभी को पोलियो की दो बूंद जरूर पिलाई जाती है। देश में सालो से घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। यह दवा कम 5 साल तक के बच्चों को पिलाई जाती है, ताकि उन्हें पोलियो नामक बीमारी से बचाया जा सके। पोलियो को मेडिकल की भाषा में पोलियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है।

WORLD POLIO DAY : क्या है पोलियो की बीमारी , किस उम्र के बच्चों को इसका ज्यादा खतरा, इससे कैसे बचा जा सकता है

WORLD POLIO DAY: बचपन में सभी को पोलियो की दो बूंद जरूर पिलाई जाती है। देश में सालो से घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। यह दवा कम 5 साल तक के बच्चों को पिलाई जाती है, ताकि उन्हें पोलियो नामक बीमारी से बचाया जा सके। पोलियो को मेडिकल की भाषा में पोलियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है। यह पोलियोवायरस के कारण होने वाली एक खतरनाक बीमारी है,जिससे बच्चों की रीढ़ की हड्डी संक्रमित हो जाती है और शरीर के कुछ हिस्से लकवाग्रस्त हो जाते हैं।

पोलियो क्या है? 

पोलियो एक वायरल संक्रमण है, जो संक्रामक है। पोलियो के ज्यादा गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है। यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में मल के माध्यम से फैलता है या बेहद कम स्तर पर सामान्य माध्यमों (जैसे कि दूषित भोजन एवं पानी) के माध्यम से फैलता है तथा आंत में पनपता है। यह रोग 5 वर्ष की आयु से कम उम्र के सभी बच्चों को प्रभावित करता है। अगर एक बच्चा भी पोलियो से संक्रमित होता है, तो देश के सभी बच्चों को पोलियो से पीड़ित होने का खतरा होता हैं। पोलियो वैक्सीन की निर्धारित खुराक से बच्चे को जीवन भर के लिए पोलियो से सुरक्षित किया जा सकता है। पोलियो का दो तरह के टीकाकरण होता है। पहला मौखिक टीका, जिसे मौखिक तौर पर यानि कि दवाई के रूप में पिलाया जाता है वहीं दूसरा निष्क्रिय पोलियो वायरस टीका,जिसे रोगी की उम्र के आधार पर हाथ या पैर में लगाया जाता है।

पोलियो का इतिहास

हमारे देश में पोलियो के वैक्सीनेशन की शुरुआत साल 1995 में हुई थी और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने साल 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया। पोलियो को खत्म करने और वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो की बीमारी 5 साल से कम की उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा होती है।

पोलियो के लक्षण 

पोलियो की बीमारी में मरीज की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण ‘फ्लू’ जैसै होते हैं। 

इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं।

  • पेट में दर्द होना।
  • उल्टियां आना।
  • गले में दर्द।
  • सिर में तेज दर्द।
  • बहुत तेज बुखार।
  • खाना निगलने में कठिनाई होना।
  • जटिल स्थितियों में हृदय की मांस-पेशियों में सूजन आ जाना।
  • बाहों और पैरों में दर्द या ऐंठन।
  • गर्दन और पीठ में ऐंठन।


पोलियो से कैसे बचे

पोलियो के लिए उपचार उपलब्ध नहीं है। इस रोग को केवल टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। यह जीवनभर बच्चे की रक्षा करता हैं।

पोलियो कैसे फैलता है?

  •  शौचालय जाने के बाद ठीक से हाथ न धोना
  • गंदे पानी से पीना या खाना बनाना
  • किसी संक्रमित व्यक्ति के थूक, लार या मल के संपर्क में आना
  • गंदे पानी में तैरने से
  • गंदा खाना खाने से