National Population Policy : विहिप ने समान जनसंख्या नीति बनाने और मुस्लिम समुदाय से अल्पसंख्यक दर्जा वापस लेने की मांग की
विश्व हिंदू परिषद ने तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी को देश के लिए घातक बताते हुए समान जनसंख्या नीति बनाने की मांग की है। विहिप ने इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय से अल्पसंख्यक का दर्जा वापस लेने और चुनाव आयोग से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
National Population Policy : विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी को देश के लिए घातक बताते हुए समान जनसंख्या नीति बनाने की मांग की है। विहिप ने इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय से अल्पसंख्यक का दर्जा वापस लेने और चुनाव आयोग (Election Commission) से धर्म के आधार पर आरक्षण की (Lok Sabha Election 2024) बात कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। विहिप नेता (VHP Leader) ने कहा कि मुस्लिम समाज की बढ़ती आबादी उनमें आक्रामकता का निर्माण कर रही है। इसलिए वह कभी कहते हैं कि 70 प्रतिशत हिंदुओं को गंगा में बहा देंगे, तो कभी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर हटाकर वहां बाबरी मस्जिद बना देंगे। हिंदुओं का अपमान किया जा रहा है, हिंदू आस्था का अपमान किया जा रहा है।
धर्म के आधार पर आरक्षण की बात कहने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी किए गए अध्ययन रिपोर्ट को चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि भारत में मुसलमानों की आबादी (Muslim population in India) 43.15 प्रतिशत बढ़ी है। इसके अंदर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए शामिल नहीं है, इसके अंदर मुस्लिम समुदाय का वह वर्ग भी शामिल नहीं है जो अपने आपको जनगणना (Census of India) जैसी गतिविधियों से दूर रखता है और अगर इन सबको मिल जाए तो यह वृद्धि देश के लिए चिंताजनक है और यह चिंता और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब यह पता लगता है कि हिंदुओं की आबादी घट रही है।
मुस्लिम सुदाय ने1200 साल तक देश पर राज किया
डॉ. सुरेंद्र जैन (Vishwa Hindu Parishad leader) ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि 1200 साल तक देश पर राज करने वाले मुस्लिम समुदाय को अब ये पिछड़ा बता कर आरक्षण भी देना चाहते हैं जो जिहाद के लिए अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने जनसंख्या विस्फोट और तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी को देश के लिए घातक बताते हुए कहा कि विहिप की मांग है कि देश में समान जनसंख्या नीति बनाई जाए और उसे हिंदू, मुस्लिम सहित सभी समुदाय पर समान रूप से लागू किया जाए।
मुस्लिमों की आबादी 15 प्रतिशत से ज्यादा
मुस्लिम समाज से अल्पसंख्यक का दर्जा वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने पूछा कि आखिर 15 प्रतिशत से ज्यादा आबादी वाले मुस्लिम कौन से मापदंड पर अल्पसंख्यक हैं।उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग को देश और संविधान के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से ऐसा कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी किए एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत में वर्ष 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 प्रतिशत कम हो गई है। जबकि इन्ही वर्षों के दौरान देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
1950 से 2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई
रिपोर्ट के मुताबिक, 1951 में हुई जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदुओं की आबादी 84.68 प्रतिशत थी जो वर्ष 2015 में घटकर 78.06 प्रतिशत पर आ गई। यानी इस दौरान देश में हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। जबकि 1951 की जनगणना के अनुसार, देश में मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत थी जो 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई है, यानी 1950 से 2015 के बीच देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है।
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