Maratha Reservation: महाराष्ट्र के सीएम बोले, मराठा समुदाय को दिया जाएगा आरक्षण, सभी दलों ने दिया समर्थन

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फैसला लिया है कि मराठों को अब राज्य में आरक्षण दिया जाएगा।

Maratha Reservation: महाराष्ट्र के सीएम बोले, मराठा समुदाय को दिया जाएगा आरक्षण, सभी दलों ने दिया समर्थन

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फैसला लिया है कि मराठों को अब राज्य में आरक्षण दिया जाएगा। 3 घंटे की बैठक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे सहयाद्री भवन से बाहर आए और मीडिया से बातचीत की। इस दौरान सीएम ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए।

बता दें कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा के लिए आज 1 नवंबर, बुधवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई थी।  इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। मीटिंग में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि मराठों को राज्य में आरक्षण दिया जाएगा। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए समय चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा छोड़ने की अपील भी की है।  बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। 

प्रस्ताव हुआ पारित

सर्वदलीय बैठक में एक विस्तृत प्रस्ताव पारित करते हुए सीएम ने कहा कि, मराठों को आरक्षण देने को लेकर हम एकमत हैं। आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही फैसला किया जा सकता है, जो कानूनी जांच का सामना कर सके। इसके लिए सभी राजनीतिक दल मिलकर काम करने को तैयार हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है कि कानूनी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी। हालांकि, इसके लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, जिस पर हमें विचार करना होगा।

यह हुए शामिल

बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना (UBT)के नेता विपक्ष अंबादास दानवे, विपक्ष के नेता विधानसभा विजय वडेट्टीवार समेत कुल 32 नेताओं ने हिस्सा लिया।

हिंसा को खत्म करने का दिया निर्देश

सीएम ने कहा कि राज्य में जिस तरह की हिंसा भड़की है वह उचित नहीं है। हिंसा करवा कर मराठा आरक्षण आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है। शिंदे ने आगे कहा कि हम ऐसी हिंसा के सख्त खिलाफ हैं। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। वहीं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी कहा कि, हम राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की अपील करते हैं।

मनोज जारांगे से अनशन खत्म करने की अपील

सरकार ने आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जारांगे से भी अपील है कि वो अपने अनशन को खत्म करें। इस प्रकार से हिंसा ठीक नहीं है। बता दें कि मनोज जारांगे पाटिल मराठा आरक्षण के लिए 25 अक्टूबर से जालना के अंतरौली में अनशन कर रहे हैं।

जल त्यागने की दी थी धमकी

बता दें कि जारंगे ने कल मंगलवार, 31 अक्टूबर को कहा था कि सरकार कल ही स्पेशल सेशन बुलाए और आरक्षण पर फैसला करे, नहीं तो कल (बुधवार) से जल त्याग दूंगा। राज्य सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

सुप्रिया सुले ने मांगा फड़णवीस का इस्तीफा  

मराठा आंदोलन को लेकर चल रहे मुद्दों पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफे की मांग की है। एनसीपी सांसद ने कहा है कि राज्य के हालात को देखते हुए गृह मंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। 

बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में हिंसा की घटनाओं का सिलसिला जारी है। इसी के चलते मंगलवार को एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली। इससे पहले 13 दिनों में 25 लोग इस आरक्षण को लेकर सुसाइड कर चुके हैं।