Kolkata Rape Case Update:केंद्र सरकार ने ममता के दूसरे लेटर का दिया जवाब, कहा- रेप मामलों में पहले से है फांसी का प्रावधान
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सियासत जारी है। बीते दिन महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की तरफ से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दूसरी चिट्ठी का जवाब दिया गया है।
Kolkata Rape Case Update: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सियासत जारी है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार एक-दूसरे पर जुबानी हमले बोल रहें है, तो वहीं दूसरी तरफ दोनों ही दल एक-दूसरे के विरोध में विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिया था पहली चिट्ठी का जवाब
वहीं बीते दिन महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी(Women and Child Development Minister Annapurna Devi) की तरफ से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) की दूसरी चिट्ठी का जवाब दिया गया है। उन्होनें कहा, यह सही बात है कि राज्य में 88 फास्टट्रैक कोर्ट चल रहे हैं, लेकिन केंद्र की योजना से बिल्कुल अलग हैं। इनमें बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों से जुड़े मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद और पांच साल से ज्यादा समय तक चलने वाले केस की सुनवाई होती है।ममता की पहली चिट्ठी का जवाब केंद्र सरकार की ओर से महिला विकास और परिवार कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिया था। उन्होंने कहा था- बंगाल में कुल 123 फास्टट्रैक कोर्ट शुरू किए गए, लेकिन उनमें अधिकतर बंद हैं। इसके अलावा अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि बंगाल में POCSO के पेंडिंग केस को लेकर ममता सरकार कोई कदम नहीं उठ रही है।
अन्नपूर्णा देवी ने बंगाल सीएम को दूसरी चिट्ठी का दिया जवाब
इन सबसे अलग अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दूसरे पत्र का जवाब दिया है, जिसमें बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कानून और अनुकरणीय सजा की मांग की गई है। अन्नपूर्णा देवी ने अपने जवाब में कहा, "पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष पॉक्सो कोर्ट की स्थिति के बारे में आपके पत्र में दी गई जानकारी के संबंध में, मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि कलकत्ता उच्च न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) स्थापित किए हैं, जो केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के समान नहीं हैं।"